दिनभर में हमारे फोन पर कई कॉल्स और मैसेज आते रहते हैं। इनमें से कभी-कभी हमें ये पता नहीं चल पता कि कौन असली है और कौन फर्जी। लेकिन अब अपने स्मार्टफोन पर फ्रॉड कॉल्स और मैसेज को पहचानना और उसे रिपोर्ट करना काफी आसान हो गया है।इसके लिए भारतीय सरकार ने संचार साथी पोर्टल और ऐप लॉन्च किया है।
इस ऐप की मदद से अगर आपको कोई फ्रॉड जैसा कॉल या मैसेज मिलता है, तो पोर्टल या ऐप के “चक्षु” सेक्शन में जाकर उसकी शिकायत कर सकते हैं।रिपोर्ट होते ही उस नंबर को ब्लॉक कर दिया जाएगा, जिससे कॉल या मैसेज आया था।अब सवाल यह आता है कि आखिर हमें कैसे पता चलेगा कि कौन सा कॉल असली है और कौन सा नकली।
सरकार ने बैंकिंग, इंश्योरेंस और फाइनेंशियल सर्विस से जुड़ी असली कॉल्स के लिए नया 160 सीरीज नंबर जारी किया है। अगर आपको कोई कॉल बैंक या फाइनेंशियल सर्विस के नाम पर आती है, लेकिन उसका नंबर 160 से शुरू नहीं होता, तो समझ लें वो कॉल फ्रॉड या फर्जी हो सकती है।
किसी भी असली या फर्जी SMS को पहचानने के लिए सबसे पहले उसके सेंडर कोड पर ध्यान दें। ये कोड आपको ठगी से बचा सकता है। अगर मैसेज असली है तो उसके सेंडर आईडी (जो मैसेज की शुरुआत में दिखती है) के आखिर में एक डैश (-) के बाद कोई खास अक्षर होता है, जैसे -S, -G या -P. ।ऐसे कोड वाले मैसेज असली होते हैं।वहीं अगर मैसेज किसी अनजान या बिना नाम वाले नंबर से आया है, तो उसे शक के नजरिए से देखें क्यूंकि वो फर्जी भी हो सकते हैं।
इन कोड्स के अर्थ की बात करें तो
S का संबंध Service से है। इसका मतलब है, ऐसे मैसेज जो बैंकिंग सर्विस, ट्रांजैक्शन या उन टेलिकॉम सर्विस से जुड़े हों, जिनका आप पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं।
G का संबंध Government) से है।इसका मतलब है सरकारी योजनाओं या किसी सरकारी विभाग की ओर से आने वाले जरूरी अलर्ट या जानकारी वाले मैसेज।
P का संबंध Promotion से है ।इसका मतलब है, ऐसे प्रमोशनल मैसेज जो किसी कंपनी की ओर से भेजे गए हों और जिन्हें दूरसंचार विभाग (DoT) ने मंजूरी दी हो।