न्यूज़ डेस्क
देश के शीर्ष पहलवानो ने सुप्रीम कोर्ट में कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका के जरिये गुहार लगाईं थी। यह याचिका सोमवार को दायर की गई थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि महिला खिलाडियों ने जो आरोप लगाया है उसमे एफआईआर दर्ज करने में क्या आपत्ति है ? बता दें कि देश की शीर्ष खिलाडी विनेश फोगाट समेत 7 महिला पहलवानों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एफआईआर की मांग की गई थी।
आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हन की पीठ ने मामले की सुनवाई की. पीठ ने इसे गंभीर मामला बताते हुए दिल्ली पुलिस और दिल्ल सरकार से एफआईआर दर्ज करने की खिलाड़ियों की मांग पर जवाब मांगा है। कोर्ट में 28 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ पहलवानों ने इसी साल जनवरी में मोर्चा खोला था। उस समय खेल मंत्रालय ने पहलवानों से बातचीत के बाद मैरी कॉम की अध्यक्षता में निगरानी समिति का गठन किया था। इस समिति को आरोपों पर जांच के साथ ही कुश्ती संघ का रोज का काम भी देखना था।
बता दें कि चार दिन पहले 21 अप्रैल को खिलाड़ियों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोला। उसी दिन दिल्ली पुलिस में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर को लेकर शिकायत दी गई। खिलाड़ियों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद 23 अप्रैल को खिलाड़ी एक बार फिर से जंतर-मंतर पर धरना देने पहुंचे।
इधर पहलवानों के धरने पर बैठने के अगले दिन सोमवार को खेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए कुश्ती संघ के चुनाव पर रोक लगा दी। ये चुनाव अगले महीने होने वाले थे. खेल मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) एक एडहॉक कमेटी बनाएगी। यही कमेटी 45 दिनों के अंदर कुश्ती महासंघ का चुनाव करवाएगी।