न्यूज डेस्क
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के सााि दूसरे दौर की बैठक में शिकायतों को दूर करने के आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने शुक्रवार रात धरना समाप्त कर दिया।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि जांच पूरी होने तक बृजभूषण सिंह फेडरेशन का काम नहीं देखेंगे। यह समिति ही डब्ल्यूएफआई के कामकाज पर नजर रखेगी। बृजभूषण ने जांच में सहयोग करने का आश्वासन दिया है। उधर, पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि केंद्रीय खेल मंत्री ने हमारी मांगों को सुना और उचित जांच का आश्वासन दिया। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। हमें उम्मीद है कि निष्पक्ष जांच होगी, इसलिए हम धरना खत्म कर रहे हैं।
इससे पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए भारतीय ओलंपिक संघ आईओए ने एक समिति गठित की। मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम इस समिति की अध्यक्ष होंगी। समिति में पहलवान योगेश्वर दत्त समेत सात सदस्य शामिल हैं। पहलवानों ने आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा को पत्र लिखकर जांच समिति बनाने की मांग की थी। समिति में तीरंदाज डोला बनर्जी,भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव, अलकनंदा अशोक और दो वरिष्ठ वकील तलीश राय व श्लोक चंद्रा भी शामिल हैं। शुक्रवार को आईओए की कार्यकारी परिषद की बैठक में समिति के गठन का निर्णय लिया गया।
पहलवानों ने रखी चार मांगे
पहलवानों ने आईओऐ के समझा चार मांगे रखी हैं। इनमें डब्ल्यूएफआई को भंग करने व अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग भी की गयी है।यह मांग भी की गयी है कि पहलवानों के साथ सलाह मशविरा करके राष्ट्रीय कुश्ती महासंध के संचालन के लिए नई समिति का गठन किया जाये। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि विनेश फोगाट का मानसिक उत्पीडन हुआ है।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर 18 जनवरी को विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत करीब 30 पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ धरने पर बैठ गए। बाद में इस प्रदर्शन में 200 से ज्यादा खिलाड़ी शामिल हो गए। उन्होंने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच पर ओलिंपिक विजेता खिलाड़ियों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से इस्तीफा देने की मांग की।
पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि हमारे आरोप सच्चे हैं। हमें मजबूर न किया जाए सबसे सामने आने के लिए। हम अपने सम्मान के लिए लड़ रहे हैं। हम पूरे देश को यह नहीं बताना चाहते कि देश की बेटियों के साथ क्या हुआ है। जिस दिन सारी लड़कियां मीडिया को बताएंगी कि हमारे साथ क्या हुआ, वो कुश्ती का दुर्भाग्य होगा।