न्यूज डेस्क
ओलंपिक के बाद पैरालंपिक मे भी बेटियों ने ही देश के लिए पदक का खाता खोला है। ओलंपिक में निशोनबाज मनु भाकर ने तीसरे दिन कांसा जीता था तो पैरालंपिक में भी तीसरे ही दिन शूटर अवनि लेखरा ने स्वर्ण और मोना अग्रवाल ने कांसे से देश का मान बढ़ाया। इसके बाद प्रीति पाल ने 100 मीटर दौड़ में कांस्य जीता तो मनीष नरवाल ने निशानेबाजी में रजत पदक जीतकर देश को चौथा पदक दिलाया।
वंडर गर्ल अवनि ओलंपिक में लगातार दो पैरालंपिक और ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने टोक्यो के बाद पेरिस में भी महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में सोने पर निशाना लगाया। 22 वर्षीय अवनि ने 249.7 का स्कोर करके अपना ही 249.6 का तीन साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।
अवनि के अलावा, भारत की बेटी मोना ने देश के नाम ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। मोना शॉट्स के अंतिम दौर में थोड़ी देर के लिए आगे चल रही थी। उसने कुल 228.7 के साथ तीसरे स्थान पर रहकर इस स्पर्धा में कांस्य पदक जीता और खेलों में देश के लिए पदकों की संख्या भी खोली। दक्षिण कोरिया के ली यूनरी ने 246.8 अंक के साथ रजत पदक जीता। 6.8 की शूटिंग के बाद वह अंतिम शॉट में स्वर्ण हार गईं क्योंकि अवनि ने टोक्यो में अपने पैरालंपिक पदार्पण में जीते गए अपने स्वर्ण पदक का सफलतापूर्वक बचाव किया।
शुक्रवार को ही प्रीति पाल ने महिलाओं की टी 35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को पैरालिंपिक्स की ट्रैक स्पर्धा में पहला ऐथलेटिक्स मेडल दिलाया। भारत ने 1984 चरण से ऐथलेटिक्स में जो भी मेडल जीते हैं, वे सभी फील्ड इवेंट्स में मिले। प्रीति ने पैरालिंपिक्स के दूसरे दिन भारत का ऐथलेटिक्स मेडल का खाता खोला।
भारत के मनीष नरवाल ने पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में रजत पदक जीता। नरवाल ने टोक्यो पैरालंपिक में मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 स्पर्धा में भी स्वर्ण पदक जीता था। पेरिस पैरालंपिक में मनीष कुछ समय के लिए वह दक्षिण कोरिया के जो जियोंगडू से आगे चल रहे थे। लेकिन, कुछ कुछ खराब शॉट के कारण वह बाद में पिछड़ गए। नरवाल क्वालीफिकेशन दौर में 565 स्कोर करके पांचवें स्थान पर रहे थे। वहीं, भारत के रुद्राक्ष खंडेलवाल फाइनल में जगह नहीं बना सके और 561 स्कोर करके नौवें स्थान पर रहे।