बिहार में चुनावी पारा एक बार फिर चढ़ गया है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री उर्फ ललन सिंह को चुनाव आयोग (EC) ने एक नोटिस जारी किया है।यह कार्रवाई उनके एक कथित भाषण से जुड़ी है जिसमें उन्होंने समर्थकों से विपक्षी मतदाताओं को मतदान से रोकने का निर्देश दिया था।आयोग ने ललन सिंह से इस गंभीर आरोप पर 24 घंटे के भीतर जवाब तलब किया है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
चुनाव आयोग की कार्रवाई का आधार ललन सिंह का वह कथित बयान बना है, जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों से विपक्षी उम्मीदवारों के मतदाताओं को मतदान करने से रोकने का निर्देश दिया था। आरजेडी का केंद्रीय मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने अपने भाषण में अपने समर्थकों से कहा था कि वे एक-दो विपक्षी नेताओं के क्षेत्र के मतदाताओं को चुनाव के दिन घर से निकलने ही न दें या यदि वे बहुत आग्रह करें तो उन्हें वोट डलवाकर घर में ही बंद करवा दें।
यह मामला तब सामने आया जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री ललन सिंह पर निशाना साधा। चुनाव आयोग ने इस गंभीर आरोप को संज्ञान में लेते हुए, बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त के माध्यम से ललन सिंह को एक नोटिस जारी किया है। आयोग ने उन्हें इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए मात्र 24 घंटे का समय दिया है।
इसी बीच, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने मोकामा में हुई चुनावी हिंसा और JDU प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर भी टिप्पणी की है।अनंत सिंह को जन सुराज पार्टी समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जो जन सुराज उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के प्रचार कार्य में लगे थे।
मोकामा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने अपने साथी प्रत्याशी के समर्थन में एक विवादित अपील भी की। उन्होंने कहा कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद, ‘अब हर व्यक्ति को अनंत सिंह बनकर चुनाव लड़ना चाहिए।
