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हरियाणा में जाट फैक्टर की काट के लिए बीजेपी का ओबीडी कार्ड वाला

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बीजेपी को लेकर हरियाणा के बारे में कहा जा रहा है कि वहां जाट मतदाता बीजेपी के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। किसानों के आंदोलन और पहलवानों के प्रदर्शन से भी इस धारणा को मजबूती मिली है। साथ ही हाल में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हरियाणा में 10 में से 5 सीटो पर ही जीत मिलना भी कुछ इसी तरफ इशारा कर रहा है।बीजेपी के लिए इस निराशा भरे माहौल के बीच ही अक्टूबर महीने में वहां विधानसभा का चुनाव भी होने वाला है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में एंटी इनकंबेंसी से उबरने के साथ-साथ जाट फैक्टर की काट के लिए भी एक नया सामाजिक समीकरण तैयार करने की कोशिश में लगा हुआ है। माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी विधान सभा चुनाव के दौरान वहां ओबीडी यानि अदर बैकवर्ड क्लासेस,ब्राह्मण और दलित कार्ड खेलने की तैयारी कर रही है।

भारतीय जनता पार्टी ने इसके तहत ही पहले ओबीसी चेहरा नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया।इसके बाद ब्राह्मण नेता मोहनलाल बडोली को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी और अब दलित समाज से आने वाले कृष्ण बेदी को पार्टी का महासचिव बनाया है। भारतीय जनता पार्टी अपने इस ओबीडी वाले फार्मूले से जाट बिरादरी की काट के साथ-साथ राज्य के 62% मतदाताओं को टारगेट करने में जुट गई है। राज्य में सैनी,गुर्जर और यादव समेत ओबीसी बिरादरियों के करीब 30% वोट है, यह सबसे बड़ा सामाजिक समूह है।इसके अलावा वहां दलितों की संख्या भी करीब 20% बताई जाती है , जबकि ब्राह्मणों की संख्या वहां 10 से 12 प्रतिशत के आस- पास मानी जाती है।

भारतीय जनता पार्टी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीजेपी पहले से ही इस फार्मूले पर काम कर रही है, और अब यह इसके साथ तीसरी बार चुनाव में जाएगी।गौरतलब है कि इन तीन समुदायों के अलावा हरियाणा में रहने वाले पंजाबी समुदायों का भी बीजेपी को अच्छा समर्थन प्राप्त है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इसी समुदाय से आते हैं।हरियाणा के करनाल, अंबाला और कैथल जैसे इलाकों में बड़ी आबादी पंजाबी मूल के लोगों की है।

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी कृष्ण बेदी के सहारे दलित मतदाताओं को साधने का प्रयास कर रही है। दरअसल 2024 की आम चुनाव से संकेत मिला कि जाट और दलित मतदाता कांग्रेस के पक्ष में एकजुट हो गए हैं।ऐसे में बीजेपी ने इस गठजोड़ के तोड़ के लिए दलित समुदाय से आने वाले कृष्ण बेदी को हरियाणा बीजेपी का महासचिव बनाया है।बीजेपी को 2019 के आम चुनाव में 58% वोट मिले थे ,जो 2024 के चुनाव में घटकर 46% पर आकर अटक गया है। माना जा रहा है कि दलित मतदाताओं के छिटककर कांग्रेस खेमे में चले जाने से ही ऐसा हुआ है।इसके अलावा कांग्रेस जाट और दलित मतदाताओं के गठबंधन के कारण अपने वोट प्रतिशत को 28% से आगे बढ़कर 43% तक करने में सफल रही है। राज्य में 17 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इसमें से ज्यादातर सीटों पर बीजेपी आम चुनाव में पीछे रह गई।अब कृष्ण बेदी के सहारे बीजेपी कांग्रेस के वोट बैंक बन चुके जाट दलित गठजोड़ में सेंध लगाकर दलितों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास करेगी।

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