न्यूज डेस्क
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे अतिक्रमण रोधी अभियान में अवैध इमारतों को गिराने का काम लगभग पूरा हो गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक बुलडोजर सहित भारी मशीनों से लगभग 1169 अवैध आवासीय संपत्तियों और 100 से अधिक व्यावसायिक संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया। करीब 24.5 एकड़ भूमि पर अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए पिछले साल दिसंबर में ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया गया था। क्षेत्र में 1320 से अधिक अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया गया है। इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के धार्मिक स्थल भी शामिल हैं। अब इलाके में सिर्फ मलबा ही मलबा दिख रहा है।
अवैध रूप से बनी मस्जिद, मदरसा और मंदिर पर देर रात ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। इसमें दो मस्जिद और एक मदरसा शामिल था। इससे पहले मंदिर पर भी कार्रवाई हो चुकी है, प्रशासन ने देर रात बुलडोजर से मस्जिद और मदरसे को जमींदोज कर दिया। इस दौरान महानगर क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर चेक पोस्ट बना दिए गए और उन सभी रास्तों को बंद कर दिया गया जहां से कोई भी अकबरनगर जा सकता था।
दरअसल, एलडीए यानी लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी कुकरैल नदी की जमीन पर अवैध निर्माणों को हटा रही है। इसे हटाने के बाद यहां इको टूरिज्म बनाया जाएगा। इसके अलावा यहीं पर लखनऊ का चिड़ियाघर भी शिफ्ट करने का प्लान भी है। बता दें कि अकबरनगर में ध्वस्तीकरण अभियान का कार्य पूरा हो गया है, अब मलबा हटाने का काम शुरू किया गया है। पिछले 9 दिनों से चल रहे इस ध्वस्तीकरण में अब तक अवैध बने 1169 आवास और 101 कॉमर्शियल निर्माण तोड़े गए हैं या कहें कि इस अभियान में करीब 24.5 एकड़ जमीन पर बने 1800 से अधिक अवैध निर्माण जमींदोज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2023 से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हुआ था। शासन के निर्देश पर सर्वे के दौरान नदी की जमीन पर बड़ी संख्या में अवैध निर्माण की बात सामने आई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुकरैल नदी के पुनर्जीवन के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी है। बता दें कि सुनवाई में कोर्ट ने भी माना योगी सरकार की कार्रवाई सही है। अब योगी सरकार इस क्षेत्र को इको टूरिज्म का हब बनाएगी।