Homeदेशक्या पीलीभीत से बीजेपी को चुनौती देने के लिए वरुण गाँधी तैयार...

क्या पीलीभीत से बीजेपी को चुनौती देने के लिए वरुण गाँधी तैयार हैं ?

Published on


अखिलेश अखिल 
पीलीभीत में इन दिनों नए नए युवाओं की इंट्री हुई है जो सिर्फ वरुण गाँधी के लिए काम करते नजर आ रहे हैं। खबर के मुताबिक पीलीभीत के सभी विधान सभा इलाकों में  लिखे और प्रोफेशनल डिग्री वाले पांच सौ से ज्यादा वरुण गाँधी के दफ्तर में बैठ रहे हैं और जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं। ये सभी युवा बीजेपी से नहीं है। और लोगों से मिलते हुए बीजेपी का नाम तक नहीं लेते।    
  कई लोग यह कह रहे हैं कि वरुण गाँधी ने युथ ब्रिगेड को पीलीभीत में उतार दिया है। इनमे कई युवा तो स्थानीय हैं लेकिन अधिकतर युवा दूसरे प्रदेश के हैं और यूपी के ही दूसरे इलाके हैं।  ये सारे कार्यकर्ता बीबीए, एमबीए, एमए, इंजीनियरिंग के छात्र हैं और किसान परिवारों से संबंध रखते हैं। इन सभी को आईटी सेल की जिम्मेदारी दी गई है। जो व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर मिशन 2024 पर काम कर रहे हैं। इन ग्रुपों के जरिए लोगों की समस्याओं को सुना जा रहा है और उनका हल कराया जा रहा है।                  
वरुण गांधी ने अपनी यूथ ब्रिगेड के लिए पांच विधानसभाओं में दफ्तर खोले हैं, ये कार्यकर्ता लोगों के बिजली बिल से लेकर कृषि लोन, पशु लोन, पीएम आवास योजना, उज्जवला योजना, पेंशन जैसी तमाम समस्याओं का निदान कर रहे हैं। यही नहीं पुलिस के परेशान करने पर भी एक यूथ ब्रिगेड एक्टिव होती है और थानों में लोगों की मदद करती है। पीलीभीत के ज्यादातर लोग सांसद के प्रतिनिधि और अन्य कार्यकर्ताओं से बात कर अपनी समस्या के निपटारे करवा रहे हैं। इसके अलावा खुद वरुण गांधी ने भी लोगों से कनेक्ट रहने के लिए बड़े स्तर पर संवाद और कार्यक्रमों की तैयारी की है। 
                   पिछले काफी समय से इस तरह की चर्चाएं भी हैं कि वरुण गांधी भाजपा छोड़ सकते हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान तो इस तरह के कयास लगे कि वो समाजवादी पार्टी या फिर कांग्रेस में जा सकते हैं। हालांकि ऐसा नहीं हुआ, इधर बीजेपी आलाकमान भी वरुण से नाराज है, माना जा रहा है कि उनका टिकट कट सकता है।  वरुण गांधी भी साफ कर चुके हैं कि बीजेपी उन्हें टिकट दे या नहीं लेकिन वो पीलीभीत से नहीं जाएंगे।  ऐसे में अब वो यहां की जनता से सीधा संपर्क कर रहे हैं, ताकि मतदाताओं के बीच उनकी पकड़ बनी रहे। 
       तो क्या मान लिया जाए कि वरुण गाँधी को भी यह अहसास हो गया है कि इस बार बीजेपी उन्हें टिकट नहीं देने जा रही है। दिल्ली की सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा होती रहती है कि बीजेपी इस बार वरुण गाँधी को टिकट नहीं देगी। इसकी वजह भी है। वरुण गाँधी काफी समय से मोदी सरकार पर हमलावर भी रहे हैं और किसानों की मुद्दे से लेकर महंगाई और बेरोजगारी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला करते रहे हैं। कई बार तो ऐसा लगता है कि वरुण गाँधी बीजेपी के नेता नहीं विपक्ष नेता हैं।    
  बीजेपी के लोग भी मानते हैं कि वरुण गाँधी को इस बार टिकट मिलना मुश्किल है। वरुण की माता जी मेनका गाँधी चुनाव लड़ेगी या नहीं या फिर उनको भी बीजेपी टिकट देती है है या नहीं यह भी बड़ा सवाल है।लेकिन वरुण गाँधी को शायद ही बीजेपी टिकट दे। यह सब जानते हुए ही वरुण गाँधी ने अपनी अलग राह पकड़ ली है। वे अब बीजेपी के लोगों के साथ नहीं घूमते और नाही बीजेपी के कार्यकर्ताओं को अपने साथ रखते हैं। वे किसनो और युवाओं के बीच रहते हैं। हालांकि उन्होंने साफ़ तौर पर ऐलान कर दिया है कि वे पीलीभीत से ही चुनाव लड़ेंगे। कोई टिकट दे या नहीं।  
  वरुण गाँधी के लिए हालांकि कई दलों के दरवाजे खुले हुए हैं।  वे कांग्रेस में भी जा सकते हैं या फिर सपा में भी जा सकते हैं। पिछले दिनों मानसून सत्र के दौरन उनकी मुलाक़ात सपा  नेता डिम्पल यादव के साथ भी हुई थी। हालांकि इस मुलाकात में क्या बात हुई यह सब समने नहीं आया था। लेकिन माना जा रहा है कि अखिलेश यादव भी चाहते हैं कि वरुण गाँधी उनके साथ आकर पार्टी को मजबूत कर सकते हैं। उधर वरुण गाँधी टीएमसी में भी जा सकते हैं। रालोद भी उनके लिए द्वारा खोल सकता है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि वरुण गाँधी अब अगला चुनाव अपने लोगों के जरिये लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं। और ऐस हॉट अहइ बीजेपी की परेशानी और भी बढ़ सकती है। 

Latest articles

तेजस्वी यादव सीएम तो मुकेश सहनी बने डिप्टी सीएम, फेसमहागठबंधन की घोषणा

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने गुरुवार को पटना में एक अहम प्रेस...

AI ब्राउजर यूज करने पर खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट

पिछले कुछ समय में OpenAI और Perplexity समेत कई कंपनियों ने AI ब्राउजर लॉन्च...

टीएलसी बढ़ने से कौन सी बीमारी होती है? जब बढ़ जाता है TLC

टीएलसी से होने वाले खतरे को लेकर सबसे पहले आपको मेडिकल टर्म टीएलसी को...

 CM नीतीश की सुरक्षा में भारी चूक, हाजीपुर में मुख्यमंत्री के सर पर मंडराने लगा ड्रोन

विधानसभा चुनाव में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में रैली करने हाजीपुर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश...

More like this

तेजस्वी यादव सीएम तो मुकेश सहनी बने डिप्टी सीएम, फेसमहागठबंधन की घोषणा

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने गुरुवार को पटना में एक अहम प्रेस...

AI ब्राउजर यूज करने पर खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट

पिछले कुछ समय में OpenAI और Perplexity समेत कई कंपनियों ने AI ब्राउजर लॉन्च...

टीएलसी बढ़ने से कौन सी बीमारी होती है? जब बढ़ जाता है TLC

टीएलसी से होने वाले खतरे को लेकर सबसे पहले आपको मेडिकल टर्म टीएलसी को...