न्यूज डेस्क
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की विधायकी बचेगी या जायेगी इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट 19 अप्रैल को फैसला सुनाएगा। पहले यह फैसला 18 अप्रैल को होना था जिसे एक दिन के लिए और टाल दिया गया है। नरोत्तम मिश्रा दतिया से विधायक हैं। 2008 के चुनाव में निर्वाचन आयोग ने मिश्र को अयोग्य घोषित कर दिया था इसके बाद कोर्ट से उन्हें स्टे मिल गया था।
बताया जा रहा है कि कोर्ट ने अन्य प्रकरणों में लंबी बहस होने के कारण यह तारीख आगे बढ़ाई है। अगले सप्ताह यह सुनवाई लंच के पहले ही हो जाएगी।
मध्यप्रदेश की दतिया विधानसभा सीट पर नरोत्तम मिश्रा के प्रतिद्वंदी और कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती ने 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने नरोत्तम मिश्र पर पेड न्यूज प्रकाशित करवाने का आरोप लगाया था। राजेंद्र भारती की शिकायत को सही मानते हुए वर्ष 2017 में चुनाव आयोग ने आदेश जारी कहा था कि तीन वर्षों तक नरोत्तम मिश्रा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
आयोग ने 46 खबरों में पेड न्यूज माना था। इसके बाद नरोत्तम मिश्रा ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। राजनीतिक से जुड़ा मामला होने के कारण कोर्ट पर दबाव बनाया जा सकता था, इस कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था। वहां से भी नरोत्तम मिश्रा के पक्ष में फैसला नहीं आने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिस पर आज 12 अप्रैल 2023 को सुनवाई हो रही है। यह इस मामले की अंतिम सुनवाई है।
23 जून 2017 को नरोत्तम मिश्रा को जनप्रतिनिधत्व अधिनियम 1951 के तहत धारा 10A के तहत उन्हें तीन वर्ष के लिए अयोग्य करार दिया था। मिश्रा ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अपील की थी। इसके बाद शिकायतकर्ता राजेंद्र भारती ने मध्यप्रदेश में राजनीतिक दबाव को आधार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठाया था। इस केस को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करा दिया था।