न्यूज़ डेस्क
राजनीति में सबकुछ संभव है। जब इस खेल में कोई किसी का न दोस्त होता है और न हीं दुश्मन तो कही से निकलने और भी कोई कोताही नहीं। राजस्थान में चुनाव होने हैं और नेताओं की अदला बदली की कहानी लिखी जा रही है। अभी एक नयी कहानी सामने आयी है। जानकारी के मुताबिक देवी सिंह भाटी को लेकर कई तरह की चर्चा जयपुर से लेकर दिल्ली तक चल रही है। जानकारी के मुताबिक कल देवी सिंह भाटी बीकानेर से निकले थे यह कहते हुए कि उनकी मुलाकात बीजेपी के नेताओं से होनी है लेकिन जैसे ही वे जयपुर पहुंचे उनकी मुलाकात सीएम गहलोत से हो गई। देर रात तक काफी बाते हुई। क्या बातें हुई यह तो किसी को पता नहीं है लेकिन कहा जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो देवोई सिंह भाटी कांग्रेस के साथ जुड़ सकते हैं।
मुलाकात का एजेंडा क्या है, इस पर कोई खुलासा नहीं हो सका। हालांकि, कहा गया कि इलाके में अवैध खनन की समस्या को लेकर वरिष्ठ नेता ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। हालांकि, बीकानेर की गलियों समेत तब तक यह खबर लगभग पूरे प्रदेश में फैल चुकी थी कि देवीसिंह भाटी मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के विरोधी खेमे के माने जाते हैं। गाहे बगाहे उनके बयानों में और अर्जुनराम मेघवाल की बोली में भाषाई तल्खी भी साफ महसूस की जाती है। पिछले कई दिनों से भाजपा में प्रदेश के कई वरिष्ठ नेताओं समेत कुछ नए चेहरों के शामिल होने की चर्चा थी। मिर्धा परिवार की ज्योति मिर्धा समेत कई अन्य नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद देवी सिंह भाटी को लेकर भी चर्चा चली थी। देवी सिंह भाटी प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं। उनके अपने वोट बैंक है और उनके साथ भी बहुत से लोग जुड़े हुए हैं। बहुत सी जातियां और समाज भी भाटी को अपना नेता मानते हैं।
देवीसिंह भाटी ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की। सीएमआर में रात को अचानक मुलाकात ने बीकानेर समेत प्रदेश के राजनीतिक हलके में खलबली मचा दी। विधायक कैलाश मेघवाल के अर्जुनराम पर हमलावार होने के बाद अब देवीसिंह भाटी की मुख्यमंत्री गहलोत से मुलाकात के कई मायने निकाले जाने लगे। सूत्रों के मुताबिक भाटी को गहलोत ने सीएमआर में मिलने के लिए बुलाया। पांच मिनट इंतजार के बाद भाटी की यहां पिछले दरवाजे से मुलाकात हुई। यूं तो इस मुलाकात में अवैध खनन को लेकर बातचीत होने की चर्चा है। इसके अलावा क्या सियासी बातचीत हुई, इसको लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है। इससे पहले भाटी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात कर चुके हैं।
