न्यूज़ डेस्क
तेलंगना की सत्तारूढ़ केसीआर की भारत राष्ट्र समिति ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ध्यान भटकाने में माहिर हैं और हाल में जो एक राष्ट्र ,एक चुनाव का खेल चल रहा है यह भी ध्यान भटकाने का हथकंडा ही है। बीआरएस ने कहा है कि अगर सरकार इस मुद्दे पर ईमानदार होती तो संसद के विशेष सत्र के दौरान इस पर विधेयक ला सकती थी। पीएम मोदी ऐसा कर सकते थे लेकिन होने ऐसा नहीं किया। जाहिर है ये सब एक हथकंडा भर है। और प्रधानमंत्री मोदी ध्यान भटकाने में माहिर हैं।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव ने मोदी को ध्यान भटकाने की राजनीति में माहिर बताया।उन्होंने मीडिया को बताया, “प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्र भारत के सबसे अक्षम, अयोग्य प्रधानमंत्री और शायद सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री हैं। इसलिए लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह हर तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं।”
बीआरएस नेता ने कहा कि मोदी के शासन में स्वतंत्र भारत में पहली बार रुपये का मूल्य इतना गिरा है, मुद्रास्फीति उच्चतम स्तर पर चली गई है और बेरोजगारी दर चरम पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि मोदी भारत के लोगों से किए सभी वादों पर बुरी तरह विफल रहे। केटीआर ने तेलंगाना राज्य और इसकी गठन प्रक्रिया पर बार-बार दिए गए बयानों के लिए प्रधानमंत्री पर हमला बोला। संसद में मोदी की हालिया टिप्पणियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहला उदाहरण नहीं है, जब पीएम ने तेलंगाना गठन के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है, और यह ऐतिहासिक तथ्यों के प्रति उनकी घोर उपेक्षा को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, “यह सुझाव देना कि तेलंगाना ने अपने राज्य गठन का जश्न नहीं मनाया, न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि अज्ञानी और अहंकारी भी लगता है।” केटीआर ने कहा कि पीएम मोदी ने संसद के अंदर और कई अन्य मौकों पर भी इसी तरह के बयान दिए, जिससे तेलंगाना के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है और दावा किया कि प्रधानमंत्री और भाजपा को तेलंगाना से नफरत है।उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को तेलंगाना के लोगों की भावनाओं का लगातार अपमान करने के लिए उनसे माफी मांगनी चाहिए।
मोदी की आगामी महबूबनगर यात्रा पर बीआरएस नेता ने कहा कि उन्होंने उस क्षेत्र के लोगों के साथ जो अन्याय किया है, उसके लिए उन्हें महबूबनगर में पैर रखने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे 2014 में सरकार बनाने के एक महीने के भीतर सीएम केसीआर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के पास पहुंचे और कालेश्वरम परियोजना या पलामुरू लिफ्ट सिंचाई योजना (पीएलआईएस) को राष्ट्रीय दर्जा देने का अनुरोध किया था।
केटीआर ने कहा, “उन्होंने कर्नाटक में ऊपरी भद्रा और आंध्र प्रदेश में पोलावरम को राष्ट्रीय दर्जा दिया, लेकिन पलामुरू परियोजना को नजरअंदाज कर दिया।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को कृष्णा जल विवाद को सुलझाने में कभी दिलचस्पी नहीं थी, जो तेलंगाना के साथ बहुत बड़ा अन्याय था।
बीआरएस ने कहा पीएम मोदी ध्यान भटकाने में माहिर ,एक राष्ट्र ,एक चुनाव भी भी ध्यान भटकाने का हथकंडा !
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