अखिलेश अखिल
तेलंगाना में समाप्त हुए मतदान के साथ ही पांच राज्यों के चुनाव संपन्न हो गए। पांच राज्यों के चुनाव ख़त्म होते ही एग्जिट पोल की बारी सामने आयी। दर्जन भर से ज्यादा एजेंसियों ने अलग -अलग-तरह के मीडिया मंच पर अपने सर्वे को प्रसारित किया। एक ही राज्य में अलग -अलग सर्वे के अलग -अलग परिणाम। जनता भ्रमित हो गई है। बीजेपी के लोग कुछ ज्यादा ही परेशान है तो कांग्रेस वाले माथा पीट रहे हैं। कांग्रेस वाले को लग रहा था कि पांचो राज्य उनकी झोली में ही जाने वाले है। लेकिन एग्जिट पोल ने कुछ अलग ही सब कुछ दिखाना शुरू किया है। लेकिन मजे की बात है कि आज की एग्जिट पोल को माने तो हर राज्य की हालत बदलाव की लग रही है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है तो तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनाती दिख रही है। लेकिन अंतिम परिणाम क्या होंगे यह तो तीन तारीख को ही पता चलेगा।
लेकिन इसी बीच तेलंगाना के चुनाव ख़त्म होते ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना एग्जिट पोल जारी किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि कांग्रेस उन सभी पांच राज्यों में सरकार बनाएगी जहां इस महीने चुनाव हुए हैं। मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा, “कांग्रेस सभी पांच राज्यों में सरकार बनाएगी। मुझे लगता है कि भाजपा पांचों राज्यों में से किसी में भी नहीं जीतेगी।”
उन्होंने कहा, ”राजस्थान में, एग्जिट पोल जो भी कहते हैं, और सट्टा बाजार जो भी कहता है, मीडिया जो भी कहता है और आपका सर्वेक्षण जो भी कहता है, मेरा अनुमान कहता है – जैसा कि मैंने पिछले छह महीनों में गांवों और शहरों में लोगों की टिप्पणियां सुनीं — कांग्रेस सरकार बनाएगी।”
मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता की टिप्पणी उस दिन आई है जब दक्षिणी राज्य तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटों के लिए मतदान हो रहा है।मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 7 नवंबर को हुआ था, जबकि 90 सदस्यीय छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए मतदान 7 और 17 नवंबर को हुआ था। मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए मतदान 17 नवंबर और 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के लिए मतदान 25 नवंबर को हुआ था। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।
कांग्रेस के लिए दांव ऊंचे हैं क्योंकि वह छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्तारूढ़ पार्टी है और दोनों राज्यों में लगातार दूसरे कार्यकाल पर नजर गड़ाए हुए है।
मध्य प्रदेश में पार्टी सत्ता में लौटने की उम्मीद कर रही है, जहां 2018 में जीतने के बावजूद मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और 22 विधायकों के पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद उसने बहुमत खो दिया। तेलंगाना में कांग्रेस सत्तारूढ़ बीआरएस को हराने की कोशिश कर रही है, जो राज्य में लगातार तीसरे कार्यकाल पर नजर गड़ाए हुए है।