कोलकाता (बीरेंद्र कुमार): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार को कोलकाता हाईकोर्ट में एक के बाद एक कई मामलों में हार का मुंह देखना पड़ रहा है। इससे एक तरफ राज्य सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट से सरकार को मिल रही लगातार हार का फायदा विपक्ष को मिल रहा है। विपक्षी पार्टी बीजेपी हाईकोर्ट के आदेश को हथियार बनाकर राज्य सरकार पर लगातार हमला बोल रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिंता काफी बढ़ गई है और उन्होंने सरकारी वकीलों के वर्तमान पैनल पर नाराजगी जताई है। उनके मुताबिक सरकारी वकील ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वकीलों का नया पैनल बनाने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार और प्रशासन कोई भी काम शुरू करता है या एफआईआर दर्ज कराता है ,तो उस पर हाईकोर्ट का स्थगनादेश लगा दिया जाता है। यहां तक कि अदालत ने आदेश दिया है कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ सरकार की पुलिस कोर्ट की अनुमति के बिना प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की कर सकती है। इस तमाम बातों को लेकर मुख्यमंत्री ने सरकारी वकीलों की गतिविधियों पर सवाल उठाया है। हाल ही में बीरभूम में हुए लालन सेख की सीबीआई हिरासत में मौत पर हाईकोर्ट ने सीबीआई अधिकारियों को रक्षा कवच दिया है। इससे भी मुख्यमंत्री काफी नाराज हैं।
मुख्यमंत्री ने पांच मंत्रियों के साथ बैठककर वकीलों का नया पैनल बनाने की सौंपी जिम्मेवारी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के पांच मंत्री मलय घटक,चंद्रिमा भट्टाचार्य , फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास और ज्योतिप्रिय मल्लिक को बुलाकर एक बैठक की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन मंत्रियों को नया पैनल बनाने का आदेश दिया है। इसमें आश्चर्य की बात यह है कि इस पैनल में सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी का नाम नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कल्याण बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामलों की सुनवाई की जिम्मेवारी दी जा सकती है।