शरीर को काम करने के लिए विटामिन की जरूरत होती है, बिना इसके हमारा शरीर सही से काम नहीं कर पाता है। विटामिन B12 शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है। यह न सिर्फ़ दिमाग और नसों के स्वास्थ्य को सपोर्ट करता है, बल्कि रेड ब्लड सेल्स के निर्माण और शरीर को ऊर्जा देने का काम भी करता है। मांस, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट्स इसके मुख्य सोर्स हैं।लेकिन जो लोग शाकाहारी या वेगन डाइट लेते हैं, उन्हें इसकी कमी का खतरा ज़्यादा रहता है।अगर समय रहते लक्षण पहचान लिए जाएं तो इलाज आसान हो जाता है और आगे की जटिलताओं से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं B12 की कमी के 5 बड़े संकेत और यह क्यों खतरनाक है।
विटामिन B12 की कमी का पहला और आम संकेत है लगातार थकान रहना। यह विटामिन शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है, जो ऑक्सीजन को शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाती हैं।जब इसकी कमी होती है तो ऑक्सीजन की सप्लाई घट जाती है और इंसान को हर समय थकान व कमजोरी महसूस होती है। ऐसे लोग पर्याप्त नींद लेने के बाद भी तरोताज़ा महसूस नहीं करते।
B12 की कमी से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण सही से नहीं हो पाता और एनीमिया हो सकता है।इसके कारण त्वचा पीली या हल्की पीली-सी दिखने लगती है।कभी-कभी यह पीलिया (Jaundice) जैसा लक्षण भी दिखा सकती है।अगर थकान के साथ त्वचा का रंग पीला नजर आने लगे तो इसे नजरअंदाज न करें ।
नसों को ठीक से काम करने के लिए विटामिन B12 की जरूरत होती है।इसकी कमी से नसों को ढकने वाली परत (Myelin Sheath) को नुकसान पहुंचता है। इसके कारण हाथ-पैर में झुनझुनी, सुन्नपन या “सुई चुभने” जैसी अनुभूति होती है।लंबे समय तक इलाज न होने पर चलने-फिरने में दिक़्कत (Ataxia) और बार-बार गिरने की समस्या भी हो सकती है। देर होने पर यह नुकसान स्थायी भी हो सकता है।
कम B12 लेवल का असर दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा पड़ता है।इसकी कमी वाले लोग चिड़चिड़ेपन, डिप्रेशन और चिंता जैसी समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। साथ ही ध्यान न लगना, भूलने की बीमारी और “ब्रेन फॉग” जैसी दिक़्क़तें भी सामने आती हैं।लंबे समय तक इसकी कमी रहने से बुज़ुर्गों में डिमेंशिया (भूलने की गंभीर बीमारी) का खतरा बढ़ जाता है।
B12 की कमी से जीभ सूज सकती है, उसमें जलन और दर्द हो सकता है।इस स्थिति को ग्लोसाइटिस (Glossitis) कहा जाता है।कुछ लोगों के मुंह में बार-बार छाले भी हो जाते हैं इससे खाना खाने और बोलने में भी परेशानी होती है।
अगर B12 की कमी को समय पर न पहचाना जाए तो यह एनीमिया, नसों को स्थायी नुकसान और दिमागी समस्याएं पैदा कर सकती है। गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी से बच्चे में जन्म दोष (Congenital Abnormalities) का जोखिम बढ़ जाता है।इसके अलावा शरीर में होमोसिस्टीन (Homocysteine) नामक तत्व बढ़ने से दिल की बीमारियों का खतरा भी ज़्यादा हो जाता है।
अगर आपको विटामिन B12 की कमी की कमी है,तो आप निम्न तरह से अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं।
संतुलित और हेल्दी डाइट लें।अंडा, दूध, दही, पनीर, मछली और मांस जैसे खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें।
वेगन या शाकाहारी लोग डॉक्टर की सलाह से B12 सप्लीमेंट ले सकते हैं।समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवा कर B12 लेवल की जांच कराते रहें।