विकास कुमार
विदर्भ के इलाके में प्राकृतिक संसाधन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं,खनिज के प्रशासनिक वितरण के हिसाब से देखें तो नागपुर डिवीजन में पूरे महाराष्ट्र का 60 फीसदी खनिज मिलता है। वही अमरावती डिवीजन में महाराष्ट्र का 10 फीसदी खनिज पाया जाता है।
भंडारा जिले में क्रोमाइट और मैंगनीज पाया जाता है,भंडारा जिले के पवानी में क्रोमाइट पाया जाता है। वहीं भंडारा जिले के तुमसर तालुका में मैंगनीज पाया जाता है।
वहीं विदर्भ के गोंदिया जिले के गोरेगांव तालुका में लौह अयस्क पाया जाता है। ये लौह अयस्क मैग्नेटाइट प्रकार का है। गोंदिया जिले की आग्नेय चट्टानों से लौह अयस्क निकाला जाता है। वहीं नागपुर जिले में चूना पत्थर,क्रोमाइट, कोयला, मैंगनीज और डोलोमाइट पाया जाता है। नागपुर के रामटेक सावनेर में चूना पत्थर पाया जाता है। नागपुर के कांकावेलि में क्रोमाइट पाया जाता है। वहीं नागपुर के उमरेड में कोयला पाया जाता है।सावनेर रामटेक तालुका में मैंगनीज पाया जाता है।
वहीं विदर्भ के यवतमाल जिले में चूना पत्थर,कोयला और डोलोमाइट पाया जाता है। मंजारी,वंजारी और राजौर में चूना पत्थर पाया जाता है। वहीं यवतमाल के वाणी में कोयला पाया जाता है। वहीं विदर्भ के गढ़चिरौली में उच्च क्वालिटी का लौह अयस्क पाया जाता है। भंडारा, गढ़चिरौली, नागपुर, गोंदिया और यवतमाल में कोयला, चूनापत्थर, मैंगनीज, बॉक्साइट, कायनाइट और लौह अयस्क पाया जाता है। इस तरह से प्राकृतिक संसाधन की दृष्टि से विदर्भ का क्षेत्र काफी समृद्ध है। अगर इन प्राकृतिक संसाधनों से मिले पैसे को विदर्भ क्षेत्र के लोगों पर ही निवेश किया जाए तो इस इलाके का बेहतर विकास हो पाएगा।