न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी की मद्रास हाईकोर्ट में जज पद पर नियुक्ति रद्द करने से इंकार कर दिया है। उनकी नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में सुनवाई हुई। विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का जज नियुक्त करने पर कुछ वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। उन्हें शपथ लेने से रोकने की मांग की गई। हालांकि आज सुबह विक्टोरिया ने हाई कोर्ट के जज के रूप में शपथ ले ली।
विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे वकील
सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को रद्द करने की मांग की थी और दलील देते हुए कहा था कि शपथ लेने वाले जजों को संविधान में आस्था रखनी चाहिए लेकिन जिनके नाम की अनुशंसा की गई है, उनके सार्वजनिक बयानों के चलते उनके नाम की सिफारिश को रद्द करना चाहिए। हालांकि कोर्ट ने कहा कि वह कॉलेजियम से सिफारिश पर पुनर्विचार के लिए नहीं कह सकते हैं।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें एडिशनल जज को स्थायी जज के तौर पर नियुक्ति नहीं मिली क्योंकि उनकी परफॉर्मेंस अच्छी नहीं थी। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जहां खास राजनीतिक जुड़ाव वाले लोगों को नियुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि जो तथ्य पेश किए गए हैं, वह साल 2018 में दिए एक भाषण के हैं और हमें लगता है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने भी विक्टोरिया गौरी के नाम की सिफारिश करने से पहले इन्हें देखा होगा। जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि कोर्ट में जज बनने से पहले मेरा भी राजनीतिक जुड़ाव रहा है लेकिन मैं 20 सालों से जज हूं और मेरा राजनीतिक जुड़ाव मेरे काम के आड़े नहीं आया है।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाईकोर्ट में एडिशनल जज बनाने की सिफारिश की थी। केंद्र सरकार ने इस सिफारिश को मंजूर कर लिया था। इस फैसले के बाद ही विक्टोरिया गौरी को एडिशनल जज बनाए जाने का विरोध शुरू हो गया था। मद्रास हाईकोर्ट के कुछ लोगों ने विक्टोरिया गौरी पर भाजपा से जुड़े होने का आरोप लगाया।
विक्टोरिया गौरी पर लगाया गया ये आरोप
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में विक्टोरिया गौरी पर एक अपुष्ट अकाउंट से 2019 में किए गए ट्वीट का भी हवाला दिया था और दावा किया था कि विक्टोरिया गौरी भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव रही हैं। इस हैंडल से 31 अगस्त, 2019 को पोस्ट किया गया कि मैं अभी-अभी भाजपा में शामिल हुआ हूं, आप भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं और एक नया भारत बनाने में मदद के लिए हाथ मिला सकते हैं! इसके साथ ही साथ ही गौरी पर ईसाई और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कथित टिप्पणियां करने का भी आरोप लगाया गया।