विकास कुमार
उत्तराखंड में आजकल मजारों को तोड़ा जा रहा है,बताया जा रहा है कि हिंदू संगठन देवभूमि रक्षा अभियान से जुड़े लोग मजार तोड़ रहे हैं। ऋषिकेश के मजारों को तोड़ने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कुछ युवक जय श्री राम के नारों के साथ हाथ में हथौड़ा लेकर मजार तोड़ रहे हैं। देवभूमि रक्षा अभियान का ये दावा है कि जिस जमीन पर मजार बनी थी उसके मालिक ने उन्हें ये मजार तोड़ने की इजाजत दी थी। बताया जा रहा है कि पहाड़ों में रहने वाले हिंदुओं की जमीन पर बनाई गई मजारों को निशाना बनाया जा रहा है।
उत्तराखंड के ऋषिकेश के गुमानीवाला और श्यामपुर में 25 से अधिक मजारें हैं। ये लोग धीरे धीरे कर सभी मजारों को तोड़ने का दावा कर रहे हैं। देवभूमि रक्षा अभियान का दावा है कि उत्तराखंड में मजारों का निर्माण उनके धर्म पर हमला है। मजार तोड़ने वाले युवकों का दावा है कि एक साजिश के तहत बहुसंख्यक आबादी वाले इलाकों में मजार बनाया गया है। ऋषिकेश के भट्टोंवाला में ग्राम प्रधान के घर में भी मजार बना हुआ था। युवकों ने इस मजार को भी तोड़ दिया है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि ग्राम प्रधान की स्वीकृति के बाद ये मजार तोड़ा गया है।
उत्तराखंड सरकार भी मजारों को तोड़ने की कार्रवाई कर रही है,बताया जा रहा है कि सरकार ने अब तक चार सौ 16 मजारों को तोड़ दिया है। सरकार का तर्क है कि ये सभी मजार अवैध तरीके से बनाए गए थे। वन विभाग की भूमि पर बनीं मजारों को हटाने के लिए विभाग पूरी सक्रियता के साथ काम कर रहा है।
आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों ने उत्तराखंड में लैंड जिहाद का मुद्दा उठाया था। जब से आरएसएस ने लैंड जिहाद का मुद्दा उठाया है उसके बाद से ही सरकार और निजी संगठन मजारों को तोड़ रहे हैं। अगर ये कार्रवाई कोर्ट की निगरानी में की जाए तो सांप्रदायिक सद्भाव कायम रहेगा क्योंकि कानून को हाथ में लेने का अधिकार किसी संगठन के पास नहीं है। बिना कोर्ट की सहमति के इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगानी चाहिए।