नई दिल्ली: दिल्ली का जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में है। जेएनयू अक्सर किसी न किसी मुद्दे को लेकर सुर्खियों में रहता है। इस बार विश्वविद्यालय कैंपस में जगह-जगह दीवारों पर ब्राह्मणों और वैश्य समुदाय के खिलाफ नारे लिखे गए हैं। इन नारों में ‘ब्राह्मण कैंपस छोड़ो’, ‘शाखा में वापस जाओ’ जैसे नारों को लिखकर परिसर के ब्राह्मणों को धमकी दी गई।
जेएनयू कुलपति ने दिये जांच के निर्देश
जेएनयू के कुलपति प्रोफेसर संतश्री डी पंडित ने एसआईएस यानी स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा दीवारों और संकाय कक्षों को विकृत करने की घटना को गंभीरता से लिया है और इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट जमा करने को कहा गया है।
Delhi | The Vice-Chancellor has taken serious note of the incident of defacement of walls & faculty rooms by some unknown elements in SIS, JNU. The Dean, School of International Studies & Grievances Committee have been asked to inquire & submit a report to VC at the earliest: JNU pic.twitter.com/5YFvrLWhjc
— ANI (@ANI) December 2, 2022
एसआईएस द्वितीय भवन की दीवारों पर लिखे थे ब्राह्मण विरोधी नारे
ब्राह्मण विरोधी नारे स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय भवन की दीवारों पर लिखे थे। नलिन कुमार महापात्र, राज यादव, प्रवेश कुमार और वंदना मिश्रा सहित कई ब्राह्मण प्रोफेसरों के कक्षों की दीवार पर नारे थे, “ब्राह्मण-बनिया, हम आपके लिए आ रहे हैं, हम आपसे बदला लेंगे, ब्राह्मण परिसर छोड़ दें, ब्राह्मण भारत छोड़ दें, अब खून होगा, शाखा में वापस जाओ”। सोशल मीडिया पर जैसे ही नारों की तस्वीरें वायरल हुईं, ‘ब्राह्मण जीवन मायने रखता है’ ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा है।
While the Left-Liberal gang intimidate every dissenting voice, they appeal to elect EC representatives that “can assert the values of mutual respect and civility, & equal & just treatment of all.”
‘civility’ & ‘mutual respect’.
Highly deplorable act of vandalism! pic.twitter.com/pIMdIO9QsX— JNU Teachers’ Forum (@jnutf19) December 1, 2022
अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जेएनयू परिसर की दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारों के मद्देनजर दिल्ली के एक वकील ने पुलिस उपायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता ने पुलिस से भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और बी, 505, 506 और 34 के तहत “अज्ञात व्यक्तियों” के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है। सामाजिक कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट में वकील विनीत जिंदल के अनुसार, गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय भवन की दीवारों पर ‘बनिया’ और ‘ब्राह्मण’ के खिलाफ जातिसूचक नारे लिखे गए थे।
जेएनयू के अधिकारियों ने की घटना की निंदा
एडवोकेट विनीत जिंदल ने कहा कि, नारे केवल ब्राह्मण छात्रों और शिक्षकों को निशाना बनाने तक सीमित नहीं हैं बल्कि उन्हें जान से मारने की धमकी भी देते हैं। इस बीच, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक बयान जारी कर इस घटना की निंदा की है और परिसर को विकृत करने के लिए “अज्ञात तत्वों” को जिम्मेदार ठहराया है।