बीरेंद्र कुमार
जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लेकर इन दिनों कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। जेडीयू से उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी की भी बातें सामने आ रही है। खासकर दिल्ली एम्स में मेडिकल चेकअप के दौरान उपेंद्र कुशवाहा से तीन बीजेपी नेताओं के मिलने की बात खूब सुर्खियां बटोर रही है। इस सबके बीच उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं से मुलाकात की बात को अनावश्यक तूल दिया जा रहा है। जेडीयू में जो जितना बड़ा नेता है वो उतना ही बीजेपी के सम्पर्क में है।
‘बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है
दिल्ली में इलाज के दौरान बीजेपी के तीन नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी, इसको लेकर यह कयास लग रहे थे कि उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी में शामिल होने वाले हैं। इसको लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी के किसी नेता से मुलाकात का मतलब यह नहीं है कि हम बीजेपी के संपर्क में हैं। जिस संपर्क की बात कही जा रही है वह सामान्य सी बात है। वे हमारा हाल चाल पूछने वहां आए थे। ऐसे तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से हमारी पार्टी के जो जितना बड़ा नेता हैं वो उतना ही ज्यादा संपर्क में हैं। अब उपेंद्र कुशवाहा के साथ बीजेपी नेताओं की एक तस्वीर क्या आ गई, इसको बात का बतंगड़ बनाया जाने लगा। इसका कोई मतलब नहीं है।
राजनीतिक अर्थ निकालना उचित नहीं
जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अस्पताल में अगर कोई व्यक्ति मिल रहा हो तो इसका राजनीतिक अर्थ निकालना कहां तक उचित है? हमको इसकी जानकारी रास्ते में मिली। एक व्यक्ति जो अस्पताल में 100 फीसदी जिंदा भर्ती है, उसका पोस्टमार्टम बिहार में लोग कर रहे हैं। चिकित्सा विज्ञान की यह सबसे नवीनतम तकनीक है।
नीतीश कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया
जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बारे में नीतीश कुमार ने कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा दो-तीन बार पहले भी बाहर गए हैं और वापस आए हैं। जब नीतीश कुमार के इस बयान को लेकर उपेंद्र कुशवाहा से प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि आज इसका क्या मतलब है? हमारी पार्टी ही तो दो बार- तीन बार भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में गई और बीजेपी के संपर्क से हटी है। पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से जो आवश्यक होता है वह करती है।
‘सच स्वीकार करने की जरूरत है
नीतीश कुमार के फैसला लेने वाले बयान पर कुशवाहा ने कहा कि किस बात का फैसला लेना है? यह तय मेरे अलावा कौन कर सकता है? हमारी चिंता का विषय है कि जेडीयू कमजोर हो रही है। इसकी मजबूती के लिए हम लगातार प्रयास करें और हमारा प्रयास लगातार जारी रहेगा। नीतीश कुमार से बात करना होगा तो उसमें माध्यम की जरूरत मुझे नहीं है। पार्टी की कमजोरी के खिलाफ कोई व्यक्ति मजबूती से बोल रहा है तो, उसके अर्थ का अनर्थ निकाला जा रहा है। हमारी पार्टी के अधिकांश नेता सब से अलग-अलग व्यक्तिगत रूप से बात कीजिए। मीडिया के सामने कोई कुछ नहीं बोलता है। सच स्वीकार करने की जरूरत है।