रांची (बीरेंद्र कुमार): गढ़वा से शुरू हुई मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का खतियान ई जोहार यात्रा का काफिला आज संथाल परगना का गोड्डा जिला पहुंचा। गोड्डा के मेला मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जहां एक तरफ राज्य सरकार की उपलब्धियां लोगों के बीच रखी वहीं दूसरी तरफ उन्होंने लोगों से यह कहकर सनसनी फैला दी कि जो कोई भी खतियानी बिल का विरोध करे, उसे गांव में बैठने नहीं दें।
लोगों के प्रति जताया आभार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गोड्डा के मेला मैदान में आयोजित खतियानी जोहार यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा की 40 वर्षों के संघर्ष के बाद हमें यह राज्य मिला है। मैने 20 साल तक शोषित रहे गरीब मजदूर और अल्पसंख्यक के साथ अन्याय करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकने के साथ इन गरीब ,मजदूर और अल्पसंख्यक को वाजिब हक दिलाने का काम किया है। मैंने 1932 का खतियान ई का अधिकारियों के मूल वासियों और आदिवासियों को दिया है। यह सब उनके सहयोग से ही पूरा हुआ है। किसी बात की कृतज्ञता जाने के लिए मैं आज गोड्डा आया हूं।
झारखंड में वन अधिकार कानून को खत्म नहीं होने दूंगा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्य में वन अधिकार कानून में संशोधन करने का काम कर रही है। इस संशोधन से आदिवासी और मूलवासी का अधिकार समाप्त हो जाएगा और उनके अस्तित्व पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। इस बात को लेकर केंद्र सरकार और उसके मंत्री को पत्र लिखा गया है। किसी भी सूरत में झारखंड में वन अधिकार कानून को समाप्त नहीं होने दूंगा।
खतियानी बिल का विरोध करने वालों को गांव में बैठने न दें
इस कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि खतियानी बिल का विरोध करने वाले लोगों को गांव में बैठने नहीं दें। राज्य के लोगों ने अपने हक एवं अधिकार के लिए संघर्ष किया है। राज्य बनने के बाद भी शोषण करने वालों ने सत्ता में रहकर राज्य को दीमक की तरह चाटने का काम किया।लेकिन जनता के सहयोग से हमने ऐसी सरकार को 2019 में उखाड़ फेंकने का काम किया है। झारखंड वीरों की धरती है। उनके संघर्ष का ही परिणाम है कि ऐसे लोग जो आज सत्ता से बाहर हैं। उन्हें अब गरीबों वंचितों और आदिवासियों के हाथ में गई सत्ता कांटे की तरह सूख रहा है।
कोरोना के बाद लगातार राज्य को कुतुबमीनार की ऊंचाई दी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की विकास की बातों को रखते हुए कहा कि कोरोना संकट के बाद सिर्फ एक साल के दौरान विकास के मामले में मैंने राज्य को कुतुब मीनार की तरह ऊंचाई दी है। झारखंड देश का पहला राज्य है, जिसने केंद्र सरकार की पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू किया है। आज सरकार पंचायतों और गांव में शिविर लगाकर लोगों की समस्या को सुन रही है। सरकार के पदाधिकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहे हैं। गरीब मजदूर के बच्चों को विभिन्न नौकरियों की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था कर दी गई है। विदेशों में पढ़ने के लिए ₹15 लाख के ऋण की सुविधा मामूली ब्याज दरों के माध्यम से देने का काम सरकार कर रही है।