न्यूज़ डेस्क
पीएम मोदी अमेरिका में भारत का गौरव बढ़ा रहे हैं और इधर देश की विपक्षी पार्टियां आज पटना में बीजेपी के खिलाफ मंथन कर रही है। यह बड़ा जुटान है। इसमें कई दलों के बड़े नेता शमी हो रहे हैं। जो दल कल तक एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे आज सब एक मंच पर खड़े होने को उत्सुक है। देश ही नहीं दुनिया की निगाह भी इस महाजूटान पर टिकी हुई है।
पूरा पटना शहर पोस्टरों से पाट दिए गए हैं। सभी पार्टियों के पोस्टर लगे हैं और सबके संदेश भी लिखे गए हैं। आज विशाल रैली भी होनी है। इस रैली को देश के कई विपक्षी नेता संबोधित करने वाले हैं। बीजेपी कई तरह का बयान जारी कर रही है लेकिन जानकार कह रहे हैं कि इस एकता को देखकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई है। अगर यह एकता कामयाब हो गई तो बीजेपी की परेशानी बढ़ेगी। इसमें कोई शक नहीं है।
उधर आज की रैली से पहले उद्धव शिवसेना ने सामना में संपादकीय लिखकर कहा है कि पटना वही भूमि है, जहां से जेपी के आंदोलन की शुरुआत हुई और कांग्रेस के मजबूत किले को ध्वस्त कर दिया था।
संपादकीय में कहा गया है कि एक बार फिर पटना से शुरुआत हो रही है, जो अच्छा है। उद्धव शिवसेना ने चिंता जताई है कि अगर 2024 में फिर से मोदी आते हैं, तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। सामना में लिखा गया है कि बीजेपी के विरोधी पटना में एकत्रित होंगे, ऐसा कहना गलत होगा। लोकतंत्र, संविधान की रक्षा के लिए देशभक्त दल एक साथ आ रहे हैं, ऐसा कहना ही तार्किक होगा।
सामना में कहा गया है कि वर्ष 1975 में इसी पटना की भूमि से जयप्रकाश नारायण ने दूसरी आजादी व क्रांति का नारा दिया था और देश में क्रांति की ज्वाला भड़की थी। कांग्रेस के विरोध में उसी समय सभी राजनीतिक दल एकजुट हुए और एक-दूसरे में विलीन हुए थे। उस एकजुटता से इंदिरा गांधी की भी पराजय हुई थी. उस क्रांति की चिंगारी पटना से भड़की इसलिए देशभक्त दलों की आज पहली बैठक के लिए पटना की भूमि का चुनाव उचित ही है।
सामना में उद्धव ठाकरे गुट ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि बीजेपी शामिल होने वाले भ्रष्टाचारियों, गुनहगारों को अभयदान मिल रहा है। यही तानाशाही के कदम हैं। ऐसे ही जारी रहा तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित होगा और इस देश में लोकतंत्र था, इस पर भावी पीढ़ी सिर्फ शोध करती रहेगी. आज होने वाला पटना का ये ‘मेला’ देश बचाओ आंदोलन है।
इसमें कहा गया है कि कम से 450 सीटों पर एक के खिलाफ एक (बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार) का मुकाबला होगा और इस लड़ाई में बीजेपी की पराजय होगी. मोदी कितना भी नाटकीय प्रयास कर लें, उनकी पराजय होगी। इस देश के कई राज्यों ने ये दिखा दिया है।
कानून, संविधान, न्यायपालिका की परवाह किए बगैर सत्ता हासिल करनेवालों का राज खत्म करने को लेकर पटना की बैठक में थोड़ा चिंतन-मंथन हुआ और मुठ्ठी तानी तो 2024 में मोदी को ‘झोला’ कंधे पर टांग कर जाना ही पड़ेगा। पटना में इसीलिए एकजुटता का नारा देना है।
पटना में कांग्रेस के भी सभी बड़े नेता पहुँच गए हैं। स्टालिन भी पहुँच गए हैं और बैठक में भाग लेने वाले सभी नेता सीएम आवास पर पहुँच गए है। खबर है कि अब से कुछ ही देर बार बैठक शुरू होगी।
पटना में आज महामंथन, समाना ने कहा विपक्ष ने मुठ्ठी तानी तो मोदी झोला लेकर चल देंगे !
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