न्यूज़ डेस्क
राजनीति के अपने खेल है। नेताओं की भी अपनी विरासत है। यही नेता किसी के लिए नायक हैं तो किसी के लिए खलनायक। शिवसेना के लिए सावरकर आदर्श पुरुष हैं जबकि कांग्रेस के लिए एक भीरु आदमी। कांग्रेस का आरोप यही है कि सावरकर ने अंग्रेजो से माफ़ी मांगी थी। राहुल गाँधी -बार बार इसकी चर्चा करते हैं। सांसदी रद्द होने के बाद भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि वे सावरकर नहीं हैं ,वे गाँधी हैं ,गाँधी कभी माफ़ी नहीं मांगता। उधर शिवसेना बिफर रही है। शिंदे गुट को भी राहुल का यह बयान असहनीय लगता है और उद्धव को भी। महाराष्ट्र की राजनीति में सावरकर के प्रति लोगों में सम्मान ही और शिवसेना अभी तक इन्हे आगे बढाकर राजनीति करती रही है। लेकिन अब उद्धव ने भी राहुल को सलाह दी है कि वे सावरकर का अपमान नहीं करें। हम साथ मिलकर आगे बढ़े तो बीजेपी को मजा चखा सकते हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाविकास अघाड़ी तीन दलों उद्धव शिवसेना ,एनसीपी और कांग्रेस का गठबंधन लोकतंत्र की रक्षा के लिए बनाया गया है। इसके लिए एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। राहुल गाँधी को सावरकर का अपमान नहीं करना चाहिए ,इससे बचने की जरूरत है। ठाकरे ने कहा कि सावरकर हमारे आदर्श हैं। उनका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए मिलकर लड़ना होगा। सावरकर के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। ठाकरे ने कहा कि हम अपने देश को ,लोकतंत्र को और संविधान की रक्षा के लिए एक हुए हैं। लेकिन राहुल गाँधी को जानबूझकर उकसाया जा रहा है। यदि हम इस समय को बेकार जाने देंगे तो लोकतंत्र का अस्तित्व ख़त्म हो जाएगा। फिर 2024 आखिरी चुनाव होगा।
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन किया था। राहुल गाँधी ने अपने प्रेस वार्ता में अच्छी बात कही है। उन्होंने वैध सवाल उठाया है कि 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं ? लेकिन सरकार जवाब नहीं देना चाहती। लेकिन उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि वे सावरकर नहीं है कि सर्कार से माफ़ी मांगे। यह सब ठीक नहीं।