चुनाव के दौरान पुराने और नए कई राजनीतिक दल चुनाव में अपना भाग्य आजमाते हैं।अपने भाग्य को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न पार्टियों के नेता तरह – तरह के वायदे कर जनता को बरगलाकर उनका वोट अपनी पार्टी के पक्ष में डलवाते हैं। एक तरफा उनके वादों पर भरोसा करने पर आपके ठगे जाने की है संभावना, ऐसे में विभिन्न पार्टियों के वादों का करें तुलनात्मक अध्ययन। प्रस्तुत है भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस और नवसृजित पार्टी उदय भारतम् का तुलनात्मक अध्ययन ।
1. 1885 ईस्वी में अस्तित्व में आए कांग्रेस पार्टी के महासचिव के रूप में ए तो हम का यह विचार था की अंग्रेजी सरकार की दया से भारतीयों के लिए कुछ-कुछ उदारवादी कार्य कर लिए जाए ताकि ब्रिटानिया हुकूमत और असंतुष्ट भारतीयों के बीच का तनाव कम करके अंग्रेजों के शासन को लंबा खींचा जाय,
जबकि 2024 में नवसृजित उदय भारतम् पार्टी अपनी स्थापना काल से ही भारत के प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना की सोच रखता है।
2. संविधान निर्मात्री सभा में सबसे अधिक कांग्रेस के सदस्य के रहने और एच भी कामत द्वारा स्वतंत्र भारत का नामकरण इंडिया की जगह सिर्फ भारत करने का प्रस्ताव पेश करने के बावजूद संविधान में सिर्फ भारत की जगह इंडिया दैट इज भारत करके छोड़ दिया।
जबकि नवसृजित ‘उदय भारतम् पार्टी अपने स्थापना काल से ही इस देश का नाम भारत करने के लिए एक वैचारिक क्रांति लाने का पक्षधर है।
3. कांग्रेस पार्टी की वर्तमान सोच में सत्ता पर येन केन प्रकारेण बने रहना की प्राथमिकता प्रतीत होती है,
जबकि नवसृजित उदय भारतम् पार्टी इस देश का नाम भारत रखने के साथ-साथ सही मायने में यहां भारतीयता और भारत के प्राचीन सनातन गौरव की स्थापना के साथ – साथ विश्वबन्धुत्व की कामना के सिद्धांतों वाली क्रांति का पक्षधर है।
4. भारत की एकजुटता की जगह कांग्रेस जाति के आधार पर भारत को बांटने को तत्पर। जाति जनगणना की कर रही बात।
जबकि नव सृजित उदय भारतम् पार्टी देश की प्राचीन गौरव और अखंड भारत का पक्षधर है।