नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री और भाजपा सांसद जॉन बारला के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है। 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के मामले में पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के क्सीरहाट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी।
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान किया था आचार संहिता का उल्लंघन
लोक अभियोजक संजय बर्मन के अनुसार चार अप्रैल 2019 को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए तुफानगंज प्रखंड विकास कार्यालय (बीडीओ) परिसर में मोटरसाइकिल रैली निकाली गयी थी। रैली में अलीपुरद्वार से भाजपा प्रत्याशी बारला भी मौजूद थे। जॉन बारला समेत रैली में शामिल होने वाले चार लोगों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत स्थानीय बॉक्सीरहाट पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी।
15 नवंबर को कोर्ट में पेश का समन किया गया था जारी
तूफानगंज अनुमंडल अदालत ने इस मामले में बरला को समन जारी किया था और 15 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। लेकिन न तो वह अदालत में पेश हुए और न ही उनकी ओर से कोई वकील पेश हुआ। बर्मन ने बताया कि इसलिए, अदालत की अवमानना के आरोप में बारला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
बारला बोले- प्रतिशोध की राजनीति का हुआ हूं शिकार
अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए बारला ने दावा किया कि वह प्रतिशोध की राजनीति का शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा, मेरा देश की कानूनी व्यवस्था के प्रति बहुत सम्मान है। इससे पहले भी मैंने 45 दिन सलाखों के पीछे बिताए थे। यह गिरफ्तारी वारंट मेरे खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से जारी किया गया है।
टीएमसी ने कहा- कानून अपना काम करेगा
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि चूंकि गिरफ्तारी वारंट अदालत ने जारी किया है, इसलिए इस मामले में राजनीतिक प्रतिशोध का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा, कानून अपना काम करेगा।
केंद्रीय राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ भी जारी हुआ है गिरफ्तारी वारंट
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। साल 2009 में एक सोने की दुकान में डकैती हुई थी। अलीपुरद्वार कोर्ट ने उस मामले में निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।