पटना (बीरेंद्र कुमार): बिहार प्रदेश आरजेडी अध्यक्ष के पुत्र और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के बयानों को लेकर महागठबंधन में एक बार फिर तल्खी देखने को मिल रही है। पिछले दिनों सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना में कुछ असंसदीय और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था। इसके बाद से ही जेडीयू की ओर से प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही थी। अब इसे लेकर नीतीश के खास माने जाने वाले जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सीधे तेजस्वी यादव को यह संदेश पहुंचाया है कि वह अपने विधायकों को नियंत्रित करें। ऐसे बयान गठबंधन के साथ -साथ उनके भविष्य के लिए भी सही नहीं है।
तेजस्वी यादव को लालू-राबड़ी दौर के जंगल राज की याद दिलाई
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार जैसे मर्द को बिहार की जनता ने 17 वर्षों से सत्ता सौंप रखी है। अब आप ही बताइए अब तक जनता की आशीर्वाद से राज्य में सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड कायम करने वाले इतने बड़े नेता को कोई ‘ नाइट गार्ड’ कहे, यह बिहार की समस्त जनता का अपमान नहीं तो और क्या है? ऐसे बयानों पर जितनी जल्दी रोक लग सके, उतना ही बेहतर होगा, गठबंधन के लिए और शायद आपके लिए भी। उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव को लालू राबड़ी दौर के जंगलराज की भी याद दिलाई। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव अपने विधायक को बताए कि कैसे नीतीश कुमार ने’खौफनाक मंजर’ से बिहार को मुक्ति दिलाकर मर्दानगी भरा काम किया था।
राजनीति में भाषा की मर्यादा की है बड़ी अहमियत
तेजस्वी यादव को भेजें संदेशे में उपेंद्र कुशवाहा ने लिखा है “तेजस्वी यादव जी जरा गौर से देखिए- सुनिए अपने एक माननीय विधायक के बयान को, और उन्हें बताइए कि राजनीति में भाषाई मर्यादा की बड़ी अहमियत होती है। वे उस शख्सियत को’शिखंडी’ कह रहे हैं,जिन्होंने बिहार को उस’ खौफनाक मंजर’ से मुक्ति दिलाने की मर्दानगी दिखाई थी,वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे। ऐसे बयानों से प्रदेश की लाखों-करोड़ों जनता एवं वर्तमान जदयू और तत्कालीन समता पार्टी के उन हजारों कार्यकर्ताओं की भावनाओं को चोट पहुंचती है,जिन्होंने उस दौर में नीतीश कुमार का साथ और सहयोग दिया था उनके लिए कुर्बानी दी थी।
क्या कहा था सुधाकर सिंह ने?
एक एक निजी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में सुधाकर सिंह ने कहा था कि नीतीश कुमार सिर्फ 2 महीने के लिए आए थे, लेकिन अब वो तेजस्वी यादव को सीएम बनने ही नहीं दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश की तुलना शिखंडी से की थी। बिहार का इतिहास उन्हें हमेशा शिखंडी के रूप में याद करेगा। वे जब राजद के पास आए थे, तो उन्होंने कमिटमेंट किया था कि’ नाइटवॉचमैन ‘ के तौर पर दो-तीन माह के लिए कुर्सी पर रहेंगे , फिर कुर्सी तेजस्वी यादव को सौंप देंगे।