न्यूज़ डेस्क
जब विपक्ष के सवालों का जवाब सरकार देती ही नहीं है तो लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर किस काम का ? आखिर संसद है ही क्यों ? फिर विपक्ष की भूमिका ही क्या है ? आजाद भारत का यह ऐसा अमृतकाल है जहां संसदीय परम्परा तार -तार होती दिखती है और विपक्ष महत्वहीन। अबसे पहले विपक्ष इतना कायर और डरपोक नहीं देखा गया था। कांग्रेस की हालत भी खराब है। भारत जोड़ो यात्रा के बाद कि में कांग्रेस की बात सुनी जाएगी लेकिन खेल उल्टा पड़ गया। मौजूदा मोदी सरकार ने तो कांग्रेस और विपक्ष को महत्व देना ही छोड़ दिया। संख्या बल की ताकत कितनी बलवती होती है इसका प्रदर्शन साफ़ दीखता है।
अडानी मसले पर विपक्ष जांच की मांग कर रहा है लेकिन सरकार की बात तो छोड़िये पीएम मोदी खुद इस पर कोई बात नहीं करना चाहते। मानो विपक्ष नाम की कोई चीज ही नहीं है और न उनका कोई सवाल। कल लोकसभा में भी पीएम मोदी अडानी से सम्बन्धो पर कोई बात नहीं की और अडानी समूह पर किसी जांच की चर्चा की। उलटे विपक्ष पर तंज कसते चले गए थे। सवाल कुछ और था लेकिन जवाब कुछ और ही मिल रहा था। और आज भी पीएम अडानी पर राज्यसभा में कहा। उनके भाषण में कांग्रेस पर हमला शामिल था और तंज भरी बाते।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर नाम लेकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों को सरकार की योजनाओं के नाम और नामों में संस्कृत शब्दों से दिक्कत थी। मैंने एक रिपोर्ट में पढ़ा कि 600 सरकारी योजनाएं गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर थीं… मुझे समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी के लोग नेहरू को अपना उपनाम क्यों नहीं रखते, डर और शर्म की क्या बात है?”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “किस पार्टी और सत्ता में बैठे लोगों ने अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया? 90 बार चुनी हुई सरकारें गिराई गईं, कौन थे वो लोग? एक प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 356 का 50 बार उपयोग किया और वह नाम है इंदिरा गांधी। केरल में कम्युनिस्ट सरकार चुनी गई जिसे पंडित नेहरू ने पसंद नहीं किया और उसे गिरा दिया गया।”
प्रधानमंत्री ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि कांग्रेस ने साठ सालों में देश में मजबूत बुनियाद रखी और मोदी उसका श्रेय ले रहे हैं। मोदी ने कहा कि जब 2014 में वह देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्हें नजर आया कि 60 साल में ‘‘कांग्रेस के परिवार’’ ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि उनका इरादा नेक होगा, लेकिन उन्होंने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए हैं। जब वह गड्ढे खोद रहे थे… छह-छह दशक बर्बाद कर दिये थे, उस समय दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे… आगे बढ़ रहे थे।’’