न्यूज डेस्क
कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का निदेशक नियुक्त किया गया है। वह दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे। कर्नाटक कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी सूद 25 मई को अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। वह सुबोध कुमार जायसवाल का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 25 को समाप्त हो रहा है।
शनिवार (13 मई) की शाम को नए सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए एक हाईलेवल मीटिंग हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए। बैठक में सीबीआई का नया डायरेक्टर चुनने के लिए नामों पर चर्चा की गई और बाद में प्रवीण सूद के नाम पर मुहर लगा दी गई।
कौन हैं प्रवीण सूद
प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई करने वाले सूद मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्हें मई 2024 में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन अब उन्हें दो साल का निश्चित कार्यकाल मिलेगा और वह कम से कम मई 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे। सूद को 2020 में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी अशित मोहन प्रसाद को पछाड़ते हुए कर्नाटक डीजीपी नियुक्त किया गया था।
कर्नाटक कैडर के अधिकारी सूद को साल 2004 में मैसूर शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। इस दौरान उन्होंने यहां पर साल 2007 तक सेवा की। हालांकि, बाद में उन्होंने बेंगलुरू शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए, लेकिन संकट में नागरिकों के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली “नम्मा 100” को शुरू करने के लिए उन्हें जाना जाता है। बेंगलुरू शहर के पुलिस आयुक्त रहते हुए उन्होंने विशेष रूप से संकट में महिलाओं और बच्चों के लिए Pink Hoyasala की शुरुआत की, जिसको पूर्ण रूप से महिला पुलिसकर्मियों द्वारा मैनेज किया जाता है।
डीके शिवकुमार ने प्रवीण सूद को कहा ‘नालायक’
बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार के साथ डीजीपी प्रवीण सूद का मनमुटाव किसी से छिपा नहीं है। डी के शिवकुमार ने प्रवीण सूद पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाया था। शिवकुमार ने कहा था कि जब कांग्रेस कर्नाटक में आएगी तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।
डीके शिवकुमार ने प्रवीण की आलोचना करते हुए उन्हें ‘नालायक’ तक कह दिया था। शिवकुमार ने कहा था कि हमारे DGP इस पद के लायक नहीं हैं। वह तीन साल से DGP हैं, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं। उनके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि सूद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 25 केस दर्ज किए, लेकिन बीजेपी नेताओं पर एक भी केस दर्ज नहीं किया। हमने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है। उन्होंने प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग की थी। शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो सूद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।