Homeदेशजनता के मुद्दों पर संसद में याचिका दायर करने का मामला पहुंचा...

जनता के मुद्दों पर संसद में याचिका दायर करने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

Published on

अखिलेश अखिल
एक तरफ लोकतंत्र को ख़त्म करने का खेल चल रहा है दूसरी तरफ संसद को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने की कोशिश भी चल रही है। पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि संसद सत्र के दौरान जनता के मसलो पर कोई चर्चा नहीं होती। संसद बेकार के मसलो पर हंगामा का शिकार होती है। इस खेल में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों शामिल रहते हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के पास एक ऐसी याचिका पहुंची है जो संसद को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने और नेताओं पर लगाम लगाने में लाभकारी साबित हो सकता है।

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि शीर्ष अदालत कोई ऐसी व्यवस्था करे जिससे संसद में याचिका दायर करने की व्यवस्था कायम हो। शीर्ष अदालत ने इस याचिका पर गंभीरता से विचार करते हुए चार हफ्ते बाद सुनवाई करने की बात कही है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ,केंद्र सरकार और अन्य को संसद में याचिका दायर करने और सुझाये गए मुद्दों पर विमर्श की व्यवस्था बनाने के निर्देश दे। यह याचिका जस्टिस केएम जीसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्न की पीठ के सामने आयी है। केंद्र सरकार के वकील ने इस मामले में हलफनामा दायर करने के लिए शीर्ष अदालत से समय माँगा है।

अदालत की पहल

शीर्ष अदालत ने कहा है कि चुकी इस मसले पर केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर करने के लिए समय माँगा है इसलिए चार हफ्ते बाद इसे मामले को लिस्ट किया जाए। यह याचिका 27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में करण गर्ग ने दायर किया था और तब शीर्ष अदालत ने सरकार का पक्ष जानना चाहा था और सरकारी वकील को कोर्ट में पेश होने को कहा था। याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए) और 21 के तहत यह भारतीय नागरिकों का मौलिक अधिकार है कि वह संसद में सीधे याचिका दायर कर सकें और सुझाए गए मुद्दे पर चर्चा की मांग कर सकें।

याचिका में की गई मांग

याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार और अन्य के लिए जरूरी है कि वह ऐसे कदम उठाएं, जिससे नागरिकों की आवाज संसद में बिना किसी बाधा और परेशानी के पहुंच सके। याचिकाकर्ता का कहना है कि एक आम नागरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में मतदान करने और जनप्रतिनिधियों के चुनाव के बाद काफी असक्त महसूस करता है और उसके अलावा नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की कोई तरीका नहीं होता।

ब्रिटेन की संसदीय व्यवस्था उदाहरण

याचिका में कहा गया है कि इस व्यवस्था की गैरमौजूदगी में चुने हुए जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों के बीच दूरी बढ़ रही है। लोग कानून बनाने की प्रक्रिया से दूर हो रहे हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है और इस पर तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है। संसद में याचिका दाखिल करने की व्यवस्था ब्रिटेन की संसदीय व्यवस्था में सालों से मौजूद है। याचिका में ये भी कहा गया है कि इस व्यवस्था के बनने से सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पर भी बोझ कम होगा।

Latest articles

Axion 4 Mission: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे शुभांशु शुक्ला, 14 दिन तक स्पेस में बिताएंगे समय

भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला सहित चारों एस्ट्रोनॉट 28 घंटे का सफर तय कर इंटरनेशनल...

आतंकवाद के मुद्दे पर…’, भारत ने SCO के संयुक्त बयान से किया किनारा,

भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाईजेशन (SCO) के संयुक्त बयान को...

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट नहीं खेलेंगे जसप्रीत बुमराह, पूर्व कोच रवि शास्त्री

भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच हार गई है।अगले मुकाबलों में जीत...

लैपटॉप चार्जिंग में लगाकर चलाना खतरनाक या बेहतरबिकल्प

अगर आप भी लैपटॉप पर लंबे समय तक काम करते हैं और उसे चार्ज...

More like this

Axion 4 Mission: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे शुभांशु शुक्ला, 14 दिन तक स्पेस में बिताएंगे समय

भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला सहित चारों एस्ट्रोनॉट 28 घंटे का सफर तय कर इंटरनेशनल...

आतंकवाद के मुद्दे पर…’, भारत ने SCO के संयुक्त बयान से किया किनारा,

भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाईजेशन (SCO) के संयुक्त बयान को...

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट नहीं खेलेंगे जसप्रीत बुमराह, पूर्व कोच रवि शास्त्री

भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच हार गई है।अगले मुकाबलों में जीत...