अखिलेश अखिल
दुनिया में भारत की साख को आगे बढ़ाने में अडानी समूह की भूमिका को कमतर नहीं कहा जा सकता। जब अडानी दुनिया के कारोबारियों को पछाड़ते हुए आगे बढ़ रहे थे तब यही भारत जयकारा लगा रहा था। सत्ता से जुड़े लोग अडानी की महिमा का बखान कर रहे थे लेकिन अब अडानी के साथ जो हो रहा है उसपर सबने चप्पी साध रखी है। अकसर होता भी यही है। जो आगे बढ़ता है उसके गुणगान सब करते हैं लेकिन जब वही आदमी नीचे गिरता है तो लोग तालियां भी बजाते हैं। अडानी कभी दुनिया के शीर्ष कारोबारियों में शुमार हुए थे। कहा जा रहा था कि वे दुनिया के तीसरे सबसे धनी व्यक्ति हैं। भारत खुश हो रहा था। लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। अडानी अब नीचे खिसक रहे हैं। पहले तीन से पांचवे स्थान पर आये और अब 15 वे स्थान पर खिसक गए हैं। यह कोई मामूली गिरावट नहीं है। इससे ऊपर उठना अब अडानी के लिए साधारण खेल नहीं होगा। झूठ ,फरेब ,धोखाधड़ी और सत्ता का लाभ के जरिये भले ही कोई कम समय में कुछ भी दिखने लगे लेकिन जब भांडा फूटता है तो तबाही ही आती है। बड़े से बड़े जमींदोज हो जाते हैं।
आज अडानी के साथ जो होता दिख रहा है उससे साफ़ जाहिर है कि अडानी किसी मजबूत बुनियाद पर टिके नहीं थे। उनका कारोबार एक भ्रम था और यह सब सत्ता के सहयोग का प्रतिफल भी। अडानी की मौजूदा हालत को देखते हुए साफ़ हो गया है कि हिंडेनवर्ग रिपोर्ट में कही गई बातें सच थी और सच तो ये भी है कि अगर सत्ता सरकार और देश की जांच एजेंसियां इस पुरे मामले की जांच कर दे तो एक नया खुलास हो सकता है। देश की कितनी और भी कंपनियां इसके लपेटे में आयेगी और कीर्तन कर्जदार बैंक बर्बाद होंगे ,इसकी कल्पना ही की जा सकती है।
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को झटका लगने का दौर जारी है। बुधवार को एक ओर जहां भारत का बजट पेश किया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर अडानी समूह की नेटवर्थ में एक बार फिर बड़ी गिरावट आई, जिससे गौतम अडानी अरबपतियों की लिस्ट में खिसककर सीधे 15वें नंबर पर पहुंच गए।
हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को लेकर बीते 24 जनवरी को अपनी रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें ग्रुप पर कर्ज को लेकर कई दावे किए गए थे। इस रिपोर्ट के आने के बाद से ही अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है। इस रिपोर्ट पर अडानी ग्रुप की सफाई का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा है। फिलहाल उन्हें कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।
समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार जारी गिरावट के चलते गौतम अडानी की नेटवर्थ में हर गुजरते दिन के साथ कमी आ रही है। एक दिन पहले मंगलवार को अडानी टॉप-10 अरबपतियों की लिस्ट से बाहर हो गए थे। ये झटका अभी थमा भी नहीं था कि अब वो खिसककर 15वें पायदान पर पहुंच गए हैं। फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, अडानी की नेटवर्थ में बीते 24 घंटे में 13.1 अरब डॉलर की कमी आई है और अब उनकी कुल संपत्ति महज 75.1 अरब डॉलर रह गई है।
गौतम अडानी अरबपतियों की लिस्ट में आए इस उतार-चढ़ाव के बीच भले ही दुनिया के टॉप-10 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए हों, लेकिन दूसरे भारतीय उद्योगपति और रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी इस लिस्ट में शामिल हो गए हैं। लंबे समय तक अडानी से पीछ रहे मुकेश अंबानी 83.7 अरब डॉलर के साथ दुनिया के नौंवे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं।
लेकिन खेल यही तक समाप्त नहीं हुआ है। बुधवार को जिस तरह से अडानी सौह ने अपने एफपीओ को रद्द किया है उससे समूह की साख तो नीचे गिरी ही है देश का साख भी गिरा है। अडानी अब कुछ कह नहीं सकते। पहले तो अपने एफपीओ को बेचने का खूब जातां अडानी ने किया। सही गलत तरीके का भी रास्ता अपनाया लेकिन सफलता नहीं मिली और अंत में एफपीओ को रद्द करना पड़ गया। कमजोर नीव पर खड़ी किसी कंपनी का जो हश्र होता है अडानी समूह उसका जीता जगता उदहारण है।