बीरेंद्र कुमार
स्वास्थ विभाग में कार्यरत अनुबंधकर्मियों ने नियमितीकरण को लेकर अपना आंदोलन तेज कर दिया है। रांची में अपने मांगों के समर्थन में जुटे राज्य भर के स्वास्थ अनुबंधकर्मी ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य में उग्रवादियों को सरेंडर कराने के लिए सरेंडर पॉलिसी बनाती है, लेकिन झारखंड की स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ अनुबंधकर्मियों के बारे में उनके पास कोई सोच नहीं है। हम लोग 10-15 वर्ष से सदर अस्पताल समेत राज्य के तमाम अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे हैं। हम अनुबंध पर काम करते है।सरकार हमारी सेवा को स्थाई करे, जिससे हमारा भी भविष्य सुरक्षित हो सके।
झारखंड के कोने कोने से रांची पहुंचे स्वास्थ्य अनुबंधकर्मी
रांची स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए झारखंड के कोने कोने से स्वास्थ्य अनुबंध कर्मी रांची पहुंचे थे। अनुबंध कर्मियों ने कहा कि सरकार को जल्दी से जल्दी अनुबंध कर्मियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ और झारखंड राज्य अनुबंध पारा चिकित्सा कर्मी संघ के सदस्य राज्य के कोने कोने से रांची पहुंचे थे। ये लोग यहां कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे थे ,लेकिन पुलिस वालों ने बहला-फुसलाकर उन्हें राजभवन की ओर डायवर्ट कर दिया।
सीएम आवास घेरने अनुबंध कर्मियों को पहुंचा दिया राजभवन
रांची में सीएम आवास का घेराव करने जा रहे स्वास्थ्य अनुबंधकर्मियों को जब मालूम हुआ कि पुलिस द्वारा उन्हें राजभवन के निकट पहुंचा दिया गया है ,तो उन्होंने वहीं पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़कर एक प्रदर्शनकारी जिसका नाम विनय बताया जा रहा है,वह बैरिकेडिंग तोड़कर दूसरी तरफ चला गया। तब उस पार खड़े पुलिसकर्मियों ने उसे उठाकर दूसरी ओर फेंक दिया। इसे प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा उन्होंने जोर – जोर से नारेबाजी करनी शुरू कर दी और बैरिकेडिंग को तोड़ दिया।
नियमितीकरण की प्रक्रिया तत्काल शुरू करे सरकार
आंदोलनरत स्वास्थ्य अनुबंध कर्मियों का आरोप है कि सरकार लगातार उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है। इनकी मांग है कि पारा मेडिकल नियमावली 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए सरकार सभी पारा मेडिकल कर्मियों के विभागीय नियमितीकरण की प्रक्रिया तत्काल शुरू कर दे।