Homeदेशआंध्र प्रदेश पॉलिटिक्स : बीजेपी और वाईएसआर की राजनीति का शिकार होती टीडीपी !

आंध्र प्रदेश पॉलिटिक्स : बीजेपी और वाईएसआर की राजनीति का शिकार होती टीडीपी !

Published on


 अखिलेश अखिल 

दक्षिण के राज्य आंध्र प्रदेश की राजनीति के अगले परिणाम क्या होंगे यह तो कोई नहीं  जानता लेकिन मौजूदा समय में टीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू क़ानूनी लफड़े में तो फंस ह गए हैं। यह ऐसा फँसान है जिससे मुक्ति जल्द मिल नहीं सकती। अगले साल सूबे में चुनाव है। यह सब कुछ जो होता दिख रहा है वह चुनाव को लेकर ही है। टीडीपी प्रदेश में एक बड़ी पार्टी के रूप में रही है लेकिन सूबे में जगन रेड्डी की।  एक समय था जब नायडू की पूरी राजनीति रेड्डी के खिलाफ चलती थी और आज पासा जब पलट गया तो नायडू हिरासत में पहुँच गए।    
                यह ऐसा खेल है जिसमे कौन किसे सत्ता रहा है और कौन किसको टारगेट कर रहा है कहना मुश्किल है। बीजेपी के खेल को समझिये तो वह टीडीपी के साथ भी चलती दिख रही है और जगन की पार्टी के साथ भी। बीजेपी को भी हमेशा इन दोनों पार्टियों का सहयोग ही मिलता रहा है। टीडीपी वहां विपक्ष में है और सत्ता पक्ष जगन की पार्टी है लेकिन दोनों पार्टियां बीजेपी की सहयोगी रही है। राजनीति का यह खेल समझ से परे रहा है। ऐसे में आज जब चंद्रबाबू नायडू न्यायिक हिरासत में पहुँच ही गए हैं तो कहा जा रहा है कि इसके पीछे अगर जगन की राजनीति है तो बीजेपी की राजनीति भी कम जिम्मेदार नहीं। सवाल उठता है कि क्या जगन और बीजेपी ने मिलकर नायडू पर निशाना साधा है ? क्या नायडू की राजनीति को ध्वस्त करने के लिए जगन ने यह सब किया है या फिर बीजेपी के इशारे पर यह सब हो रहा है ?और ऐसा गर है तो क्या बीजेपी बाद में जगन को छोड़ सकती है ? ऐसे बहुत  से सवाल आंधप्रदेश की राजनीति में तैर रहे हैं।                      
   आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की एक अदालत ने रविवार को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में टीडीपी सुप्रीमो और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। लंबी बहस और दिन भर के तनाव के बाद एसीबी कोर्ट ने शाम में फैसला सुनाया। तेलुगु देशम पार्टी  सुप्रीमो, जिन्हें शनिवार सुबह सीआईडी ने गिरफ्तार किया था, को राजमुंदरी सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किए जाने की संभावना है।
                  विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने एहतियातन राज्य भर में रैलियों और बैठकों पर प्रतिबंध लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी है। पुलिस ने राज्य भर में धारा 144 लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं, जो चार या अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक लगाती है। ये आदेश स्पष्ट रूप से विपक्षी टीडीपी के किसी भी विरोध को रोकने के लिए लगाए गए हैं। नांदयाल में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा नायडू को गिरफ्तार किए जाने के बाद शनिवार से राज्य के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
                     अदालत का आदेश टीडीपी के लिए एक बड़ा झटका है, जिसके नेता अनुकूल फैसले की उम्मीद कर रहे थे। कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद नायडू के वकीलों ने जमानत याचिका दायर की। यह फिलहाल स्पष्ट नहीं था कि याचिका पर तुरंत सुनवाई होगी या नहीं। सुबह करीब छह बजे शुरू हुई बहस करीब छह घंटे तक जारी रही। जहां अभियोजन पक्ष ने नायडू की 15 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की, वहीं टीडीपी नेता के वकील ने इसका विरोध किया।
                      दोपहर करीब तीन बजे दलीलों की सुनवाई पूरी हो गई। इसके बाद नायडू, उनके वकील, परिवार के सदस्य और टीडीपी नेता उत्सुकता से फैसले का इंतजार कर रहे थे। टीडीपी प्रमुख ने स्वयं न्यायाधीश के समक्ष दलीलें रखी थीं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध और राज्‍य में सत्‍तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया।
                   नायडू ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून का कोई शासन नहीं है क्योंकि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अदालत को यह भी बताया कि कौशल विकास परियोजनाओं के लिए धन 2015-16 के राज्य बजट में प्रदान किया गया था और तर्क दिया कि विधानसभा द्वारा पारित बजट को आपराधिक कृत्य नहीं कहा जा सकता।
                  नायडू की ओर से पेश सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी कि सीआईडी ने विपक्ष के नेता को गिरफ्तार करने से पहले राज्यपाल से अनुमति नहीं ली। सीआईडी की ओर से मामले की पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी ने अदालत को बताया कि नायडू के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत हैं। 
  लेकिन ये सब तो क़ानूनी बाते हैं। लेकिन सवाल फिर वही है कि इस खेल को खेल कौन रहा है ? अगर चंद्रबाबू नायडू ने कोई भ्रष्टाचार किया है जैसा की कहा जा रहा है तो अब तक उनकी गिरफ्तारी क्यों बही की गई थी ? आज जो कुछ भी होता दिख रहा है यही सब पहले क्यों नहीं किया गया ? जाहिर है यह सब चुनाव को देखते हुए किया जा रहा है। बीजेपी चाह रही है कि उसकी  नायडू के साथ गठबंधन हो जाए ,बीजेपी की चाहत है कि नायडू भी  एनडीए  के साथ आ जाए। बीजेपी की चाहत तो जगन को भी एनडीए के साथ लाने की है। लेकिन दोनों पार्टियां विपरीत धारा की होते हुए भी अभी तक बीजेपी सरकार का सहयोग ही करती रही है। हर मामले में ये दोनों पार्टियां बीजेपी के साथ खड़ी रही है। फिर बीजेपी अब क्या चाहती है ?  
कहा जा रहा है कि अभी चंद्रबाबू नायडू के साथ जो भी हो रहा है वह सब बीजेपी के इशारे पर जगन रेड्डी कर रहे हैं। बीजेपी को लग गया है कि टीडीपी के साथ उसका गठबंधन नहीं हो  पायेगा। ऐसे में उसे कमजोर किया जाए। हो  सकता है कि अभी जगन की राजनीति को कुछ लाभ मिल जाए लेकिन समय जब पलटी  मरता है तब बहुत कुछ बदल जाता है। जगन भी दाव खेल रहे हैं। नायडू को बदनाम करके जगन ने बीजेपी के सामने भी चुनौती खड़ी कर दी गई। जगन यह भी दिखाना चाह रहे हैं कि अगर उसे छोड़कर बीजेपी नायडू के साथ गठबंधन करते हैं तो यह मैसेज जाएगा कि दूसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाली बीजेपी एक भ्रष्टाचारी के साथ ही गठबंधन कर रही है। इसलिए यह खेल बड़ा ही रोचक है। 

Latest articles

Power crisis in Karnataka, will Siddaramaiah retain his position or lose it?

कर्नाटक में सीएम की कुर्सी को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। उपमुख्यमंत्री डीके...

बिहार में होने वाला है बड़ा एक्शन! शाह–सम्राट के 30 मिनट की मुलाकात ने बढ़ाई हलचल

बिहार सरकार में गृह मंत्री बनाए जाने के बाद सम्राट चौधरी पहली बार बुधवार...

ट्रेन में सफर के दौरान क्यों होती है नेटवर्क की समस्या, क्या है छुटकारा पाने का तरीका

ट्रेन से यात्रा करना हम भारतीयों की रोजमर्रा की आदत का हिस्सा बन चुका...

अचानक मुंह में बनने लगा जरूरत से ज्यादा बलगम, हो सकती है ये दिक्कत

बहुत से लोग सुबह उठते ही गले में कफ या बलगम महसूस करते हैं...

More like this

Power crisis in Karnataka, will Siddaramaiah retain his position or lose it?

कर्नाटक में सीएम की कुर्सी को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। उपमुख्यमंत्री डीके...

बिहार में होने वाला है बड़ा एक्शन! शाह–सम्राट के 30 मिनट की मुलाकात ने बढ़ाई हलचल

बिहार सरकार में गृह मंत्री बनाए जाने के बाद सम्राट चौधरी पहली बार बुधवार...

ट्रेन में सफर के दौरान क्यों होती है नेटवर्क की समस्या, क्या है छुटकारा पाने का तरीका

ट्रेन से यात्रा करना हम भारतीयों की रोजमर्रा की आदत का हिस्सा बन चुका...