विकास कुमार
जब झूठ के घने कोहरे में सच छिप गया था,जब ताकतवर लोगों के सामने इंसाफ घुटने टेक चुका था। तब क्यू वाइव नेटवर्क ने सच की लड़ाई लड़ी। यहां तक कि सुशांत सिंह राजपूत के करोड़ों फॉलोअर्स को लग रहा था कि ये केस बंद हो चुका है। तब क्यू वाइव नेटवर्क ने इस केस से जुड़े कानूनी पहलुओं पर चर्चा शुरू की। इसके अलावा जनता की महा अदालत ने लोकप्रिय एक्टर सुशांत की मौत से जुड़े कई पहलुओं का खुलासा किया। जनता की महा अदालत में सुशांत की मौत से जुड़े सबूत पेश किए गए तभी से मुंबई के रसूखदारों के खेमे में खलबली मची हुई थी। यही वजह है कि आदित्य ठाकरे ने मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। सीसीआई के केस दाखिल करने के बाद आदित्य ठाकरे की तरफ से याचिका दाखिल की गई ।
आदित्य ठाकरे ने बॉम्बे हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि जनहित याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने से पहले उनका पक्ष सुना जाए। ये जनहित याचिका एक्टर सुशांत और उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के जांच को लेकर दाखिल की गई है।
क्यू वाइव नेटवर्क और जनता की महा अदालत के एक्शन की चर्चा अब देश का हर मीडिया समूह कर रहा है। देश के हर बड़े अखबार में आदित्य ठाकरे की याचिका की चर्चा हो रही है। देश की जांच एजेंसियां और महाराष्ट्र सरकार सुशांत केस पर मौन साध कर बैठे थे। तब क्यू वाइव नेटवर्क ने सुशांत और दिशा सालियान को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ी। उम्मीद है कि क्यू वाइव नेटवर्क की मुहिम एक दिन जरूर रंग लाएगी। सुशांत और दिशा की मौत के जिम्मेदार आरोपियों को एक न एक दिन उनके किए की सख्त सजा जरूर मिलेगी।