ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के बाद से ही रूस अमेरिका की निंदा कर रहा है। क्रेमलिन में हुई मुलाकात के दौरान पुतिन ने ईरानी प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि ईरान के लोग समर्थन के लिए रूस पर भरोसा कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अपने विदेश मंत्री अब्बास अराघची को एक लेटर पुतिन को देने के लिए कहा है, जिसमें रूस से खुलकर समर्थन करने की मांग की गई है। रूस अभी तक जिस तरह से समर्थन कर रहा है वह ईरान को पसंद नहीं आ रहा है। खामेनेई के लिखे पत्र में कहा गया है कि पुतिन इजरायल और अमेरिकी के खिलाफ और ज्यादा खुलकर आगे आएं और ईरान का समर्थन करें। हालांकि तेहरान रुस से किस तरह की सहायता चाहता है यह अभी साफ नहीं हुआ है।
रूस ईरान का पुराना सहयोगी रहा है।वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की मदद से ईरान की पश्चिम देशों के साथ परमाणु वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुतिन की सेना इस समय यूक्रेन में लगातार चौथे साल एक बड़ा युद्ध लड़ रही है। रूस ने ईरान के मुद्दे पर अमेरिका के साथ सीधा टकराव में अभी तक रुचि नहीं दिखाई है।वहीं डोनाल्ड ट्रंप जब से राष्ट्रपति बने हैं तब से वह अमेरिका और रूस के संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
पुतिन ने बार-बार अमेरिका और ईरान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस से यह मांग की गई है कि रूस ईरान को उसी तरह समर्थन दे जिस तरह अमेरिका ने यूक्रेन को समर्थन दिया है। ईरान के विदेश मंत्री से मिलने के बाद पुतिन ने कहा कि ईरान के खिलाफ इस आक्रामक कार्रवाई का कोई आधार और कोई औचित्य नहीं है।ईरान के साथ हमारे लंबे समय से मैत्रीपूर्ण और विश्वसनीय संबंध हैं और हम अपनी ओर से ईरानी लोगों का समर्थन करने का प्रयास कर रहे हैं।
गौरतलब है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के बीच इस साल के शुरुआत में एक रणनीतिक साझेदारी समझौता भी हुआ था, जिसमें सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने की बात कही गई थी।