न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट 21 जुलाई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है, याचिका में गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है।जिसमें आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। जिसमें सूरत अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी को लेकर उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
राहुल गांधी ने इससे पहले गुजरात की एक अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था। लेकिन, हाई कोर्ट ने राहुल गांधी पर मोदी सरनेम मामले में आपराधिक मानहानि मामला जारी रखा और राहुल गांधी ने इस मामले में दोषसिद्धि और दो साल की जेल की सजा पर रोक लगाने के लिए अपील की थी। राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत में सजा पर रोक लगाने की मांग की है।
राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट के फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने 7 जुलाई को अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने सूरत सेंशस कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। कांग्रेस ने मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिए जाने के मुद्दे को लेकर अपने नेता के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए और केंद्र सरकार के विरोध में बुधवार 12 जुलाई को विभिन्न राज्यों में ‘मौन सत्याग्रह’ किया था।
आपको बता दें, राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी का उदाहरण देते हुए कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल गांधी के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। मामला दर्ज करने के चार साल बाद इसी साल 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।

