न्यूज़ डेस्क
आज सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर परिसीमन पर दाखिल याचिकाओं पर फैसला सुना सकता है। दिसंबर 2022 में जम्मू कश्मीर परिसीमन और विधान सभा सीटों के बदलाव के खिलाफ दाखिल याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। माना जा रहा है कि आज सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुना सकता है।
बता दें कि श्रीनगर के निवासी अब्दुल गनी खान और मोहम्मद अयूब मट्टू ने परिसीमन और विधान सभा सीटों के बदलाव को लेकर याचिका दाखिल किया था और कहा था कि परिसीमन में सही नहीं किया गया है परिसीमन में में विधान सभा क्षेत्रों की सीमा बदली गई है जिसमे नए इलाको को शामिल किया गया है। सीटों की संख्या 107 से बढाकर 114 कर दी गई है जिसमे पकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की भी 24 सीटें शामिल है। याचिका में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 63 के मुताबिक नहीं है।
सरकार की तरफ से तब कहा गया था कि 2020 में परिसीमन आयोग का गठन किया गया था। उसके बाद बार -बार आपत्ति मांगी गई थी। लेकिन याचिका 2022 में दाखिल की गई। अब परिसीमन ख़त्म हो गया है और गजट में अधिसूचित भी हो गया है।
यह भी बता दें कि केंद्र सरकार ने तब भी इस याचिका का विरोध किया था। केंद्र सरकार ने साफ़ कर दिया था कि जब परिसीमन ख़त्म हो चुका है और गजट भी अधिसूचित हो चूका है तब इस तरह की याचिका की क्या जरूरत है और इस तरह की याचिका नहीं डाली जानी चाहिए। इस आधार पर सरकार ने कहा था कि अब अदालत कोई आदेश जारी नहीं करे और याचिका को ख़ारिज करे। आज सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला सुनाता है इस पर सबकी निगाहें टिकी है। अगर सुप्रीम कोर्ट याचिका की मांग के मुताबिक़ कोई फैसला करता है तो पूर्व के सारे परिसीमन और विधान सभा सीटों में किये गए बदलाव पर असर पड़ सकता है। याद रहे सरकार अब जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने की भी तैयारी कर रही है।