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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा द्वारा संसद के निचले सदन से उनके निष्कासन को चुनौती देने वाली याचिका पर लोकसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया। अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए, संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने लोकसभा के महासचिव से जवाब मांगा और मार्च में मोइत्रा की याचिका को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट आगे इस मामले की सुनवाई 11 मार्च से शुरू हो रहे हफ्ते में करेगा।
बता दें कि महुआ मोइत्रा को 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासन किया गया था। उसी को चुनौती देते हुए संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पश्चिम बंगाल के कृष्णा नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद ने अपनी याचिका में अपने निष्कासन के फैसले को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और मनमाना” बताया है। उनके खिलाफ कार्रवाई ‘संसदीय प्रश्नों के लिए नकद’ आरोप पर एथिक्स कमेटी की जांच के बाद की गई थी।
बता दें कि टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर कैश फॉर क्वेरी का आरोप लगा था। कहा गया था कि महुआ ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे थे। बाद में इस मामले की जाँच संसद की एथिक्स कमेटी से कराई गई। जिसमे एथिक्स कमेटी ने मामले की जांच और पूछताछ के बाद महुआ को संसद से निलंबित करने की सिफारिश की थी। बाद में संसद से महुआ को निष्कासित कर दिया गया था।