नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। बिलकिस बानो ने सर्वोच्च न्यायालय से मांग की थी कि वह अपने उस आदेश की समीक्षा करे, जिसके तहत उसने गुजरात सरकार को 1992 की नीति के तहत दोषियों को छूट देने पर विचार के लिए कहा था। गौरतलब है कि इसी साल 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी ग्यारह दोषियों को माफी देते हुए रिहा कर दिया था।
Supreme Court dismisses the plea of Bilkis Bano seeking review of its earlier order by which it had asked the Gujarat government to consider the plea for the remission of convicts under 1992 policy. pic.twitter.com/5NAGg9mvvl
— ANI (@ANI) December 17, 2022
बिलकिस बानों ने दोषियों की रिहाई को दी थी चुनौती
गैंगरेप के दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। इसमें 13 मई के आदेश पर दोबारा विचार करने की मांग की गई थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गैंगरेप के दोषियों की रिहाई में 1992 में बने नियम लागू होंगे। इसी आधार पर 11 दोषियों की रिहाई हुई थी।
डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा अगर सुप्रीम कोर्ट से भी न्याया नहीं मिलेगा तो कहां जाएंगे
सुप्रीम कोर्ट ने बिलक़िस बानो की अर्ज़ी ख़ारिज कर दी। बिलक़िस बानो का 21 साल की उम्र में गैंग रेप किया गया, उसके 3 साल के बेटे & 6 परिवार वालों का क़त्ल कर दिया गया, पर गुजरात सरकार ने उसके सभी रेपिस्ट को आज़ाद कर दिया। अगर सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय नहीं मिलेगा, तो कहाँ जाएँगे?
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 17, 2022
बिलकिस बानो की याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष का बयान सामने आया है। डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की अर्जी खारिज कर दी। बिलकिस बानो का 21 साल की उम्र में गैंगरेप किया गया,उसके 3 साल के बेटे और 6 परिवार वालों का कत्ल कर दिया गया,पर गुजरात सरकार ने उसके सभी रेपिस्ट को आजाद कर दिया। अगर सुप्रीम कोर्ट से भी न्याया नहीं मिलेगा तो कहां जाएंगे।