न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने इस संबंध में फैसला सुनाया।
चुनावी बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी साल में अंसवैधानिक करार देना, केंद्र सरकार को बड़ा झटका है। कोर्ट ने कहा कि काले धन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है। चुनावी बांड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है। राजनीतिक दलों के द्वारा फंडिंग की जानकारी उजागर न करना उद्देश्य के विपरीत है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल दो नवंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
स्टेट बैंक को तीन सप्ताह में जानकारी साझा करने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि चुनावी बॉन्ड बेचने वाली बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तीन हफ्ते में चुनाव आयोग के साथ सभी जानकारियां साझा करे। इसके लिए कोर्ट ने बैंक को तीन हफ्ते का समय दिया है।
चुनाव आयोग को सभी जानकारियां 31 मार्च तक वेबसाइट पर साझा करने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट बॉन्ड के बेचने पर भी रोक लगा दी है। वहीं कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी निर्देश देते हुए कहा कि आयोग बैंक से जानकारी लेकर 31 मार्च तक सभी जानकारियां वेबसाइट पर साझा करे। बता दें कि चुनावी बॉन्ड को लेकर आयोग भी इसके खिलाफ था। वहीं भारतीय रिजर्व बैंक इसकी खिलाफत करती आई है। लेकिन केंद्र सरकार का मानना था कि राजनीतिक दलों को चंदा देने का यह सही माध्यम था।
जानिए क्या है चुनावी बॉन्ड स्कीम
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 2 जनवरी 2018 से चुनावी बाॅंन्ड योजना को लागू किया था। इस योजना के तहत भारत का कोई भी नागरिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच से इसे खरीद सकता था। इसके साथ ही कोई भी व्यक्ति अकेले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29, के तहत पंजीकृत ऐसे राजनीतिक दल चुनावी बॉण्ड के पात्र हैं। शर्त बस यही है कि उन्हें लोकसभा या विधानसभा के पिछले चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत वोट मिले हों। चुनावी बॉण्ड को किसी पात्र राजनीतिक दल द्वारा केवल अधिकृत बैंक के खाते के माध्यम से भुनाया जाएगा।
डोनेशन पर मिलता था इनकम टेक्स में 100 प्रतिशत छूट
स्टेट बैंक इन बॉन्ड को 1,000, 10,000, 1 लाख, 10 लाख और 1 करोड़ रुपए के समान बेचता है। इसके साथ ही दानकर्ता दान की राशि पर 100 प्रतिशत आयकर की छूट पाता था। इसके साथ ही इस नियम में राजनीतिक दलों को इस बात से छूट दी गई थी कि वे दानकर्ता के नाम और पहचान को गुप्त रख सकते हैं। इसके साथ ही जिस भी दल को यह बॉन्ड मिले होते हैं, उन्हें वह एक तय समय के अंदर कैश कराना होता है।