बीरेंद्र कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बिहार के विकास में बाधा डाल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गरीब राज्यों को कर्ज लेने से भी रोक लिया है। केंद्रीय बजट पेश होने से पहले बुधवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठा दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लंबे समय से बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है लेकिन इस मांग को पूरा करने के बजाय केंद्र बिहार के विकास में बाधा पहुंचाने का काम कर रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार मदद भी नहीं कर रही है और गरीब राज्यों को कर्ज लेने से भी रोक रही है। इसका मतलब तो यही हुआ कि जो गरीब राज्य है, उसे कर्जा भी नहीं मिलेगा और आगे भी बढ़ने नहीं दिया जाएगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने इतनी दखलंदाजी कभी भी नहीं की थी।
पूरे देश का होना चाहिए समग्र विकास
पटना के ए एन कॉलेज में प्रतिमा अनावरण समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि वे लंबे समय से बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए मांग कर रहे हैं,लेकिन केंद्र सरकार इस मांग को पूरा नहीं कर रही है। नीतीश कुमार ने कहा कि पूरे देश का विकास एक साथ समग्र रूप से होना चाहिए। केंद्र को इन सब चीजों को देखना चाहिए। बिहार सरकार राज्य के विकास के लिए बहुत सारा काम करवाना चाह रही है,लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं दी जा रही है। केंद्र सरकार मदद भी नहीं कर रही है और उल्टे जब बिहार सरकार कर्ज लेकर यहां काम करना चाह रही है तो ,उस पर भी उसने रोक लगा दिया है।
केंद्र को गरीब राज्यों की नहीं करनी है मदद
बीजेपी से अलग होने के बाद केंद्र से मदद नहीं मिलने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि वे यानि केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार क्या दिक्कत करेंगे!वे लोग जो भी कर रहे हैं, अपने लिए ही कर रहे हैं। उन्हें गरीब राज्यों की मदद नहीं करनी है, तो नहीं कर रहे हैं। जब वे साथ में थे ,तब भी नहीं करते थे और अब भी नहीं कर रहे हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपने फायदे के लिए जो कुछ कर रही है, उससे उसे कोई लाभ नहीं होने वाला है। बिहार सरकार अपने स्तर से विकास का काम कर रही है। केंद्रीय बजट से क्या मिलेगा, यह तो समय आने पर पता चल ही जाएगा। वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से रेल बजट को आम बजट से अलग करने की मांग कर दी है।