न्यूज डेस्क
अडानी कांड से संसद में आज भी हंगामा जारी रहा। विपक्ष अडानी मामले की जांच को लेकर हमलावर रहा लेकिन सरकार की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार अडानी के मसले से भाग रही है। कोई जबाब नहीं दे रही। लेकिन हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे।
उधर अडानी को लगातार झटका लगता जा रहा है। उसके शेयर में आज भी गिरावट आयी है। जानकारी के मुताबिक़ अडानी की कुल संपत्ति में भारी गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन सबसे बड़ी खबर तो यह है कि स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी ने मार्जिन कर्ज पर कोलेट्रल के रूप में अडानी समूह की कंपनियों के बांड्स को लेने से इंकार कर दिया है। यह अडानी समूह के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
इससे पहले सिटी बैंक और क्रेडिट सुइस जैसे बड़े बैंक कर्ज के लिए अडानी समूह के बांड्स को लेने से इंकार कर चुका है। साफ़ है कि अब अडानी समूह को इन बैंको से कर्ज नहीं मिलेंगे।
यह बात और है कि दुनिया भर के बैंको ने जहां अडानी समूह पर नकेल कसा है वही भारत में किसी भी बैंक ने अभी तक अडानी फैसला नहीं किया है। एलआईसी भी अभी मौन है लेकिन एसबीआई और एलआईसी को लेकर संसद के भीतर और बाहर विपक्ष लड़ाई लड़ता दिख रहा है। आज राहुल गाँधी ने भी संसद में सरकार से कई सवाल पूछे हैं। सरकार अभी तक कुछ भी कहने से बचती फिर रही है।
उधर हिंडेनवर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की हालत लगातार खराब होती जा रही है। लेकिन अडानी के साथ आज भी सरकार खड़ी है। माना जा रहा कि सरकार इस मामले में खुद बचने का उपाय कर रही है। जिस दिन सरकार को बचने की राह मिल जाएगी संभव है कि अडानी की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। फिलहाल अडानी शेयरों में 65 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है।
बता दें कि पिछले 24 जनवरी को हिंडेनवर्ग के अपनी रिपोर्ट अडानी समूह के बारे में जारी की थी। इस रिपोर्ट के बाद से ही अडानी समूह की हालत खराब होती गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह एक दशक से ज्यादा समय से शेयरों में हेरफेर कर रहा है और अकॉउंट में धोखधड़ी कर कम्पनी को आगे बढ़ाता रहा है। शेयरों की धोखधड़ी की वजह से ही अडानी समूह की संपत्ति पिछले तीन साल में ही 120 अरब डॉलर की हो गई। रिपोर्ट में अडानी समूह को एक चालक और ठग कंपनी कहा गया है और यह भी कहा गया है कि कई देशो में यह शेल कंपनियों के जरिये खेल करती है।