न्यूज़ डेस्क
आखिर लोकसभा के स्पीकर आज मान गए। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने उन्हें मनाया और आग्रह किया कि संसद की गरिमा बनी रहे इसके लिए आपका कुर्सी पर बैठना जरुरी है। विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि हम आपस में वाद -विवाद करते हैं। यह आगे भी चलेगा लेकिन आपका संसद में आना जरुरी है। आप हमारे कस्टोडियन हैं। आपके बिना सब कुछ अधूरा है। फिर कई सांसद ओम बिड़ला से मिलने भी गए। जिन नेताओं से स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात कर संसद में आने का आग्रह किया उनमे नीतिन गडकरी ,अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्ष के कई नेता शामिल थे। सबने उनसे विनम्रता पूरवक संसद में आने का आग्रह किया था। इसके बाद स्पीकर बिड़ला आज लोकसभा में पहुंचे और अपनी कुर्सी पर बैठे।
बता दें कि मणिपुर हिंसा और दिल्ली सेवा विधायक को लेकर इस मानसून सत्र रोज हंगामा हो रहा है जिस वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही को रोकना पड़ रहा था। दोनों सदन के अध्यक्ष इसे लेकर काफी नाराज दिखे थे। इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कई दिनों से सदन नहीं आ रहे थे। लेकिन आज गुरुवार को दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही का संचालन करना शुरू कर दिया। इसके पीछे की वजह यह है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने उनसे मुलाकात कर सदन की जिम्मेदारी संभालने के लिए मनाया।
विपक्ष के सभी सांसदों ने एक सुर में उन्हें सदन में मर्यादा बनाए रखने और आसन का सम्मान करने का आश्वासन दिया। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों से कहा कि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने दिया जाए।
बता दें कि बुधवार को ओम बिरला ने कहा था कि सदन में अनुशासन बहाल होने तक वह स्पीकर की कुर्सी पर नहीं आएंगे। उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को इस फैसले के बारे में बताया था। मंगलवार को लोकसभा में हुई शोर-शराबे के बाद से स्पीकर ओम बिरला काफी नाराज थे।
ओम बिड़ला से मुलाकात के दौरान सभी नेताओं ने एक सुर में सदन को मर्यादा और चेयर का सम्मान करने का आश्वासन दिया। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी से सदन की करवाई सुचारू रूप से चलाने के लिया कहा। सभी सांसदों के आश्वासन के बाद आज दोपहर दो बजे से लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी बैठे और सदन की कार्यवाही का संचालन किया।
संसद के अधिकारियों की माने तो स्पीकर ओम बिरला मंगलवार को लोकसभा में विधेयकों के पारित होने के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के व्यवहार से नाराज थे। अधिकारियों ने ये भी बताया कि विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों को संसद में बार-बार होने वाले रुकवाट पर अध्यक्ष की नाराजगी से अवगत कराया गया था।