विकास कुमार
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने संसद में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठा दिया है। सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी महिला आरक्षण बिल को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग करती है। सोनिया गांधी ने कहा कि बिल को लागू करने में देरी महिलाओं के लिए अच्छी बात नहीं है,लेकिन बिल को लागू करने से पहले जातीय जनगणना भी करवाई जाए ताकि एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था हो सके।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने जातिगत जनगणना की मांग बहुत सोच समझकर की है। देश के अधिकतर क्षेत्रीय दल जातिगत जनगणना करवाए जाने के पक्ष में हैं। क्षेत्रीय दलों का तर्क है कि देश में ओबीसी की आबादी 52 फीसदी से ज्यादा है,लेकिन सरकारी नौकरी में उन्हें 27 फीसदी आरक्षण ही दिया जाता है। क्षेत्रीय दलों का ये भी कहना है कि जातिगत जनगणना करने से ओबीसी,एससी और एसटी वर्ग की आबादी का अनुपात पता चलेगा और इस हिसाब से आरक्षण की सीमा बढ़ाई जाएगी। इधर बीजेपी जातिगत जनगणना का ना खुल कर विरोध कर रही है और ना ही खुल कर समर्थन कर रही है।
अभी ओबीसी आबादी का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी को वोट दे रहा है,इसलिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने जातिगत जनगणना का समर्थन कर ओबीसी वर्ग को लुभाने का दांव चला है,क्योंकि ओबीसी जातियों को ये लगता है कि एक बार जातिगत जनगणना का आंकड़ा आ गया तो आरक्षण का दायरा बढ़ सकता है। इसलिए सोनिया गांधी ने नीतीश कुमार के सलाह पर जातिगत जनगणना का समर्थन कर दिया है। वहीं अब इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर मोदी सरकार को फैसला लेना है। अगर मोदी सरकार जाति गणना की मांग नहीं मानती है तो आगामी चुनाव में ओबीसी वर्ग कांग्रेस के पाले में भी जा सकता है।