Homeदेशइधर मणिपुर में हिंसा उधर  मिजोरम में एकजुटता मार्च में निकले हजारों...

इधर मणिपुर में हिंसा उधर  मिजोरम में एकजुटता मार्च में निकले हजारों लोगों का सच !

Published on


अखिलेश अखिल 

मणिपुर जल रहा है और पडोसी राज्य मिजोरम परेशान है। मिजोरम के लोगों को लग रहा है कि समय रहते मणिपुर को शांत नहीं किया गया तो पूरे पूर्वोत्तर का सामाजिक तना बना खराब हो सकता है और राजनीतिक स्तर पर नए समीकरण भी बन सकते हैं। मिजोरम के लोग यही चाह रहे हैं कि चाहे जैसे भी हो मणिपुर में शांति आये और इसके लिए केंद्र सरकार जल्द कोई सार्थक पहल करे।            
          मणिपुर में हिंसा प्रभावित कुकी-ज़ो आदिवासियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए मंगलवार को मिजोरम की राजधानी में एनजीओ समन्वय समिति द्वारा आयोजित ‘एकजुटता मार्च’ में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। उन्होंने केंद्र और मणिपुर सरकार से जल्द से जल्द शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल करने की मांग की। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा, डिप्टी सीएम तावंलुइया, कई मंत्रियों और राज्य के कई विधायकों ने विशाल मार्च में हिस्सा लिया। आइजोल और कई अन्य जिलों में एक साथ आयोजित ‘एकजुटता मार्च’ ने आदिवासियों पर ‘क्रूर हमलों’ तथा आदिवासी महिलाओं पर अत्याचारी यौन हमलों के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार की कड़ी निंदा की। मार्च में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी के लिए आलोचना की। इसके आलावा स्थिति से निपटने में पूरी तरह से विफल रहने के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की भी आलोचना की।       
       तख्तियों और बैनर में संदेश लिखे थे- मणिपुर में आदिवासियों की पीड़ा हमारी पीड़ा है, मिजोरम कुकी-ज़ो आदिवासियों के साथ खड़ा है, हमें बर्बर युग में वापस नहीं जाना चाहिए, महिलाओं के शरीर युद्ध के मैदान नहीं हैं, मणिपुर के बलात्कारियों को मौत की सजा हो, मणिपुर में ईसाइयों को मारना बंद करो।
                  मीडिया को जानकारी देते हुए यंग मिजो एसोसिएशन  यानी वाईएमए के सहायक महासचिव माल्सावमलियाना ने कहा कि 84 दिनों से अधिक समय तक चली जातीय हिंसा के दौरान, जिस तरह से मणिपुर में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया, वह गंभीर है और भारत में कभी नहीं देखा गया। कई सिंगरों ने विभिन्न एकजुटता गीत गाए जबकि स्वयंसेवकों ने प्रभावित लोगों के लिए दान एकत्र किया।         
   ‘एकजुटता मार्च’ में भाग लेने वालों ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ संगठनात्मक झंडे भी प्रदर्शित किए। एकजुटता मार्च के बाद एनसीसी ने एक बयान जारी कर कहा कि साथी मनुष्यों के प्रति दिखाए गए अनादर ने भारतीय लोकतंत्र के चेहरे पर कालिख पोत दी है।
             बयान में कहा कि अब तक, 359 चर्च और क्वार्टर नष्ट हो गए हैं, 197 गांव जला दिए गए हैं, 7,247 घर आग से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 41,425 लोग मणिपुर छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं। मणिपुर में पढ़ने वाले कई छात्र इस जातीय संघर्ष के कारण अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पा रहे हैं। इसका छात्रों के जीवन और यहां तक कि पूरे देश पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है।

Latest articles

गोविंदा ने 18 करोड़ में ऑफर हुई इस हॉलीवुड फिल्म को ठुकराया

गोविंदा इन दिनों अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में हैं।पिछले दिनों उनके उनकी...

आईपीएल में शराबऔर तंबाकू के विज्ञापन पर केंद्र ने उठाया बड़ा कदम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईपीएल 2025 से पहले इंडियन प्रीमियर लीग को एक महत्वपूर्ण...

चुनाव से पहले JDU को लगा तगड़ा झटका, पार्टी के महासचिव RJD में शामिल

इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की सत्ता...

न्यूजीलैंड को हराकर भारत ने दूसरीबार जीती चैंपियंस ट्रॉफी

भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर दूसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब...

More like this

गोविंदा ने 18 करोड़ में ऑफर हुई इस हॉलीवुड फिल्म को ठुकराया

गोविंदा इन दिनों अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में हैं।पिछले दिनों उनके उनकी...

आईपीएल में शराबऔर तंबाकू के विज्ञापन पर केंद्र ने उठाया बड़ा कदम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईपीएल 2025 से पहले इंडियन प्रीमियर लीग को एक महत्वपूर्ण...

चुनाव से पहले JDU को लगा तगड़ा झटका, पार्टी के महासचिव RJD में शामिल

इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की सत्ता...