विकास कुमार
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच मचे घमासान पर अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भी बड़ी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना पार्टी के मुख पत्र सामना में एनसीपी चीफ शरद पवार और राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार पर बड़ा हमला बोला गया है। सामना की संपादकीय में कहा गया है कि डिप्टी सीएम अजित पवार कह रहे हैं कि उन्हें सत्ता नहीं चाहिए। वह सत्ता नहीं बल्कि विकास और शाहू, फुले, आंबेडकर के विचारों के लिए सीएम एकनाथ शिंदे के साथ गए। लेकिन उनकी यह बातें खोखली है, वह इतने सालों तक सत्ता में रहे उन्होंने कितने विकास की योजनाएं बनाई? बीजेपी, महाराष्ट्र में धार्मिक तनाव पैदा कर सिर्फ दंगे कराना चाहती है। लोगों को लड़ाना, शाहू, फुले और आंबडेकर के विचार तो नहीं थे। अजित पवार को सत्ता की ‘हवस’ नहीं होती तो उन्होंने सीधे राजनीति से संन्यास लेकर कृषि, समाजिक कार्यों में खुद को झोंक दिया होता और यदि वे ईमानदार, स्वाभिमानी राजनीतिज्ञ होते तो चाचा की मेहनत पर ‘डाका’ डालने के बजाय खुद की नई पार्टी स्थापित करके अलग राजनीति की होती लेकिन अजीत पवार को सबकुछ तैयार मिला है।
स्कूलों में किस तरह नफरत की शिक्षा दी जा रही है यह उत्तर प्रदेश के एक मामले से पता चलता है। शिक्षक के कहने पर एक मुस्लिम छात्र को उसके सहपाठियों ने बेरहमी से पीटा। ऐसा जहर आज समाज में हर जगह फैलाया जा रहा है और यह निश्चित रूप से शाहू, फुले, अंबेडकर के विचार नहीं हैं। आज हर स्तर पर संविधान को तोड़ा जा रहा है और तानाशाही तरीके से प्रशासन चलाया जा रहा है इसलिए बीजेपी के साथ गए अजित पवार को खुलकर महाराष्ट्र को बताना चाहिए कि वह आंबेडकर के किस विचार को आगे ले जाना चाहते हैं।
शरद पवार का जिक्र करते हुए सामना की संपादकीय में कहा गया है कि अजित पवार अब तक कम से कम चार बार उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं और ये सभी पद उन्हें शरद पवार की कृपा से ही मिले हैं। सामना का कहना है कि अजित पवार ने चाचा शरद पवार की मेहनत पर डाका डाला है। कुछ हद तक ये बात सही है कि शरद पवार की कुर्बानी से एनसीपी खड़ी हुई लेकिन अजित पवार ने सत्ता की लालच में चाचा शरद पवार के पीठ में खंजर घोंप दिया।