विकास कुमार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर एक बैठक की है। वीडियो लिंक के जरिए शिंदे ने संभागीय आयुक्तों, कलेक्टरों और नगर निगमों के आयुक्तों को निर्देश दिया है। शिंदे ने मराठों के पिछड़ेपन का आकलन करने का निर्देश दिया है। ये सर्वेक्षण 23 जनवरी से 31 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा,जिसमें मराठा और गैर-मराठा खुली श्रेणियों को शामिल किया गया है। शिंदे ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का आकलन करेगी। दरअसल मराठा समुदाय ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को युद्ध स्तर पर तीन अलग-अलग शिफ्टों में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया हैं।
वहीं एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को सर्वेक्षण अभ्यास के बारे में ग्रामीणों को सूचित करने और ग्राम पंचायत कार्यालयों के साथ विवरण साझा करने का भी निर्देश दिया है। दरअसल मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जारांगे बड़ा आंदोलन करने वाले हैं। जारांगे हजारों समर्थकों के साथ जालना से मुंबई की ओर विरोध मार्च शुरू कर दिया था। इस बीच सरकार की ओर से यह घोषणा कर दी गई है। जारांगे ने 26 जनवरी से मुंबई में मराठा आरक्षण के लिए बेमियादी अनशन शुरू करने की घोषणा भी की है। जारांगे ने सभी मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है। इसलिए शिंदे ने मराठा की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया है। अब देखना होगा कि शिंदे सरकार के इस फैसले का क्या असर होगा।