विकास कुमार
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी चीफ शरद पवार के बीच जुबानी जंग जारी है। फडणवीस ने शरद पवार के ‘गुगली बॉल पर विकेट’ वाले बयान पर पलटवार किया है। फडणवीस ने कहा कि उन्हें खुशी है कि शरद पवार के मुंह पर वे सारा सच ले आए लेकिन अभी भी यह आधा ही सच है। फडणवीस ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि मैं शरद पवार के मुंह पर सारा सच ले आया लेकिन यह आधा सच है,मैं भी गुगली फेंकूँगा और बाकी सच सामने लाऊंगा। एनसीपी चीफ शरद पवार की मिस्ट्री को समझना है तो उनके इतिहास में जाना होगा। साल 2019 में उद्धव ठाकरे ने कुर्सी के लिए कांग्रेस और एनसीपी से बात की तो हमने सोचना शुरू किया कि क्या दूसरा रास्ता हो सकता है। इस दौरान एनसीपी के कुछ नेताओं ने कहा कि हम आपके साथ आ सकते हैं क्योंकि हम स्थिर सरकार चाहते हैं। इसके बाद शरद पवार के साथ बैठक की गई। इसमें तय हुआ कि राज्य में बीजेपी और एनसीपी की सरकार बनेगी। बैठक में अजित पवार और मुझे सारे अधिकार दिए गए कि सरकार को लेकर कैसे आगे बढ़ना है। लेकिन शपथ ग्रहण से दो दिन पहले शरद पवार पीछे हट गए।
वहीं देवेंद्र फडणवीस के इस दावे पर शरद पवार ने माना कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 2019 में बीजेपी के साथ चर्चा की गई थी। पवार ने कहा कि फडणवीस ने विकेट दी तो हमने विकेट उखाड़ ली। अगर कोई गेंदबाज को अपना विकेट दिखा रहा है तो उसे गेंदबाज कैसे छोड़ेगा। फडणवीस का बयान उचित नहीं हैं और उन्हें टिप्पणी करने की जगह महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी हैं। उनकी रणनीति को समझना सब के बूते की बात नहीं है। 2019 में शरद पवार की गुगली में फंसकर बीजेपी की जैसी जगहंसाई हुई थी वह शायद बीजेपी के नेता जिंदगी भर याद रखेंगे।