न्यूज डेस्क
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। पवार ने मुंबई में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा का विमोचन करने के अवसर पर अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया। पवार ने कहा कि मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने पार्टी की आगे की रणनीति तय करने के लिए वरिष्ठ नेताओं का पैनल बनाने की घोषणा की। हालांकि, एनसीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पवार से फैसला वापस लेने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक पवार फैसला वापस नहीं लेते वे समारोह स्थल से नहीं जाएंगे।
#WATCH | Supporters of NCP chief Sharad Pawar protest against his announcement to step down as the national president of NCP. pic.twitter.com/LsCV601EYs
— ANI (@ANI) May 2, 2023
शरद पवार ने शीर्ष नेताओं की एक समिति का किया गठन
शरद पवार ने शीर्ष नेताओं की एक समिति की घोषणा की जिसमें प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, के.के. शर्मा, पी.सी. चाको, अजीत पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से-पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे और जयदेव गायकवाड़ शामिल हैं। अन्य पदेन सदस्यों में राकांपा महिला कांग्रेस अध्यक्ष फौजिया खान, राकांपा युवा कांग्रेस अध्यक्ष धीरज शर्मा राकांपा छात्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया दूहन शामिल हैं, जो नए पार्टी अध्यक्ष के चयन पर फैसला करेंगी।
कार्यकर्ताओं में छायी मायूसी
पवार ने लोगों से अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कर दी तो हॉल में सभी खामोश हो गए। उनके शब्द सुनते ही एनसीपी के वरिष्ठ नेता स्टेज पर चढ़ गए और उन्हें मनाने की कोशिशें करने लगे। कई लोगों की आंखें नम हो गईं। एनसीपी के नेताओं ने कहा कि पवार ही उनके नेता हैं। उन्हें पद नहीं छोड़ना चाहिए। एनसीपी के सभी बड़े चेहरे शरद पवार को मनाने की कोशिश करने लगे। नेताओं ने पवार से कहा कि आपने जो अभी कहा है, उसे वापस ले लीजिए। हॉल में सुप्रिया सुले भी मौजूद थीं। स्टेज पर इतनी भीड़ बढ़ गई कि पुलिस को बीच में आना पड़ा। लोगों ने यहां तक कहा कि 12.45 बजे जो बात कही थी, उसे वापस ले लीजिए। लोग हाथ जोड़ने लगे। अजीत पवार को छोड़कर बाकी सभी नेता उनसे फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह करते दिखे।
महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाने में पवार की अहम भूमिका
पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार की एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना का महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठजोड़ बनाने में अहम भूमिका रही है। पवार ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद एमवीए सरकार बनाने के लिए राकपा, कांग्रेस और वैचारिक रूप से अलग नजरिया वाली शिवसेना को एक साथ लाने में का काम किया था और भाजपा को सत्ता से बाहर रखा था।