अखिलेश अखिल
अतीक अहमद की हत्या के बाद उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन अभी गायब ही है लेकिन उसकी एक चिठ्ठी ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। जानकारी के मुताबिक़ परवीन ने उमेश पाल की हत्या के चार दिन बाद ही मुख्यमंत्री योगी को एक पत्र के जरिये बताया था कि पुलिस मेरे पति अतीक अहमद और देवर को जेल से बहार निकल कर हत्या कर सकती है। उन्होंने इस पत्र में यह भी कहा था कि अगर ऐसा कुछ भी होता है तो इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। परवीन ने आगे दो मंत्री पर साजिश रचने का आरोप भी लगाया था। परवीन ने अपने पत्र में साफ़ तौर पर कहा था कि उसके परिवार के किसी भी आदमी को जेल से बहार नहीं किया जाए। क्योंकि उसके साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है। अब जब अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या हो गई है तब परवीन की वह चिठ्ठी चर्चा में आ गई है। लोग कह रहे हैं कि परवीन ने जो आशंका व्यक्त की थी वह सब सही साबित हो गई।
गौरतलब है कि अतीक की पत्नी शाइस्ता ने चिट्ठी 27 फरवरी को लिखी थी। उन्होंने उमेश पाल हत्याकांड में परिवार वालों की नामजदगी को गलत बताते हुए आरोपों को निराधार बताया था। कहा था कि जबसे उन्हें बहुजन समाज पार्टी से महापौर प्रत्याशी घोषित किया गया है, एक कैबिनेट मंत्री ने उन्हें चुनाव से दूर रखने के लिए साजिश शुरू कर दी है। इसी कारण उमेश की हत्या कराई गई ताकि पति, देवर और अन्य घर वालों को फंसा दिया जाए। उन्हें आशंका है कि अतीक को साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से रिमांड के बहाने बुलाकर पुलिस हत्या करा सकती है।
शाइस्ता ने पुलिस कमिश्नर और एडीजी एसटीएफ पर हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने दखल नहीं दिया तो पति, देवर और पुत्रों की हत्या हो सकती है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए मांग की कि अगर जरूरत पड़े तो वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अतीक और अशरफ से पूछताछ की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पूरे घटनाक्रम की सीबीआई जांच कराने की भी गुजारिश की थी।
जानकारी के मुताबिक़ उधर ,अशरफ ने बरेली जेल में रहते हुए अपने अधिवक्ता के माध्यम से सीजेएम प्रयागराज को चिट्ठी लिखकर हत्या की आशंका जताई थी। उसने भी 27 फरवरी को ही चिट्ठी लिखकर बताया था कि पुलिस कमिश्नर और एडीजी एसटीएफ वारंट बी बनवाकर रास्ते में हत्या करा सकते हैं।