विकास कुमार
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादी और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में दो अधिकारी सहित चार जवान शहीद हो गए हैं। बलिदान होने वालों में आगरा के लाल कैप्टन शुभम गुप्ता भी शामिल हैं। शुभम गुप्ता जिला शासकीय अधिवक्ता क्रिमिनल बसंत गुप्ता के सुपुत्र थे। शुभम साल 2015 में सेना में भर्ती हुए थे। साल 2018 में उन्हें कमीशन मिला था। शुभम की पहली पोस्टिंग उधमपुर में हुई थी। कैप्टन शुभम ने बेहद कम उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
शुभम के शहीद होने की खबर जैसे ही परिजनों को दी गई तो घर में मातम पसर गया। शहीद शुभम की मां बेसुध हो गईं। परिजनों का कहना है कि शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता को सिग्नल कोर में कमीशन मिला था। फिर भी उन्होंने सिग्नल कोर छोड़कर पैरा ज्वाइन किया था। देश के प्रति उनका जज्बा देखने लायक था। शहीद के पिता ने बताया कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व महसूस हो रहा है। हालांकि अपने लायक बेटे को खोने के बाद भावुक पिता अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए।
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होंने शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद शुभम गुप्ता के नाम पर करने की भी घोषणा की है। साथ ही योगी ने पूरे परिवार को सांत्वना दी है।
कश्मीर में अनगिनत होनहार युवाओं ने अपनी जान की बाजी लगाई है,लेकिन आज तक वहां आतंकवाद कायम है। ऐसे में मोदी सरकार को आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए नहीं तो ना जाने और कितने शुभम गुप्ता को अपनी जान की कुर्बानी देनी पड़ेगी।