नई दिल्ली: हीरा कारोबारी नीरव मोदी को ब्रिटेन से भारत लाना का रास्ता साफ होता दिख रहा है। लंदन हाईकोर्ट ने बुधवार को नीरव मोदी की अपील खारिज करते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि उसे भारत भेजा जाए,ताकि वह धोखाधड़ी और धनशोधन से जुड़े आरोपों का सामना करे। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक पीएनबी के कर्ज में धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी है।
“No features of psychotic illness”: UK High Court dismisses Nirav Modi’s appeal against extradition to India
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— ANI Digital (@ani_digital) November 9, 2022
नीरव मोदी ने दिया था मानसिक स्वास्थ्य का हवाला
नीरव मोदी ने अपने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जेरेमी स्टुअर्ट स्मिथ और न्यायाधीश रॉबर्टजे ने याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट में अपील पर सुनावाई की अनुमति दो आधार पर दी गई थी। यूरोपीय मानवाधिकार समझौते के अनुच्छेद 3 के तहत और मानसिक सेहत से जुड़े प्रत्यर्पण अधिनियम 2003 की धारा 91 के तहत। इससे पहले लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने फरवरी 2021 में प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। वह मार्च 2019 से दक्षिण पश्चिम लंदन की वैंडसवर्थ जेल में बंद है।
भारत सरकार लेगी गंभीरता से
फैसले में इस बात को स्वीकार किया गया कि भारत सरकार अपने आश्वासनों को उचित गंभीरता से लेगी। इस तथ्य से भी यह बात पुष्ट होती हे कि यह नामचीन मामला है इसलिए 51 वर्षीय नीरव मोदी को हर समय कड़ी सुरक्षा मिलनी चाहिए। पीठ ने कहा कि भारत सरकार इस बात को मानेगी कि आश्वासनों को पूरा नहीं कर पाने पर उस विश्वास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जो प्रत्यपर्ण का आधार है।
क्या कहा गवाह ने
विशेषज्ञ गवाह के बयान के आधार पर कहा गया कि नीरव मोदी ने अभी तक मानसिक रोग का कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं किया है। उसने कभी आत्महत्या का खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की।
इन मामलों में वांछित है नीरव मोदी
- धोखाधड़ी से सहमति पत्र हासिल कर पीएनबी के साथ जालसाजी करने से संबंधित मामला, जिसमें सीबीआई जांच कर रही है।
- कालेधन को सफेद में बदलने से संबंधित ईडी की जांच का मामला
- साक्ष्यों को गायब करने,गवाहों को डराने धमकाने के दो अतिरिक्त आरोप भी नीरव मोदी पर लगे हैं।
- नीरव मोदी पर 14 हजार करोड़ की धोखाधड़ी करने के आरोप हैं। वह जनवरी 2018 में भारत से ब्रिटेन भाग गया था।
नीरव मोदी के पास अब भी हैं ये विकल्प
- अगले 14 दिनों में नीरव मोदी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है।
- अपील हाईकोर्ट के यह कहने पर संभव है कि केस आम लोगों के लिए अहम है
- सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने पर यूरोपियन कोर्ट आफ ह्यूमन राइट्स के नियम 39 की मदद ले सकता है।
- इसके तहत कोर्ट बड़ी क्षति की आशंका पर अंतरिम उपाय लागू कर सकता है।